गेहूं की अच्छी फसल पाने को संतुलित उर्वरक प्रबंधन आवश्यक: डॉ.खलील खान

कानपुर,21नवम्बर(हि.स.)। गेहूं की उन्नत प्रजातियां जैसे के 1317, के 1616 तथा डी बी डब्ल्यू 187 इस क्षेत्र के लिए उत्तम है। अच्छी फसल के लिए संतुलित उर्वरक प्रबंधन करके बुआई करने से अधिक लाभ होगा। यह बात गुरुवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर कानपुर में एससीएसपी योजना के तहत गेहूं उत्पादन तकनीकी प्रशिक्षण के दौरान किसानों से मृदा वैज्ञानिक डॉ.खलील खान ने कही।

उन्होंने किसानों से अपील किया कि गेहूं फसल में जैव उर्वरकों का अधिक प्रयोग करें। इससे पैदावार बढ़ाने के साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति मजबूत होगी। अनुसूचित जाति उप योजना अंतर्गत कृषकों को गेहूं फसल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में योजना के नोडल अधिकारी डॉक्टर शशिकांत ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य कृषकों को कृषि संबंधी तकनीकी जानकारी देकर उनकी आय को बढ़ाना है।

इस मौके पर केंद्र के प्रभारी डॉक्टर राजेश राय ने कृषकों को गेहूं फसल में जैव उर्वरकों के प्रयोग पर बल दिया। उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने वैज्ञानिकों द्वारा बताई गई तकनीकियों के पालन हेतु किसानों को सलाह दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल

   

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