काॅलेजों में पढ़ने वालों विद्यार्थियों को युवा मित्र बनाएगी पुलिस
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- Jan 06, 2025
बलिया, 6 जनवरी (हि.स.)।स्टूडेंट पुलिस एक्सपेरिमेंटल लर्निंग प्रोग्राम के तहत काॅलेजों में पढ़ने वाले युवाओं को पुलिस विभाग की बारीकियां सिखाई जाएंगी। ताकि वे पुलिस मित्र के रूप में आवश्यकता पड़ने पर पुलिस का सहयोग कर सकें। इसके लिए पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह के नेतृत्व में।रिजर्व पुलिस लाइन के सभागार में सोमवार को एक कार्यशाला आयोजित की गई।
भारत सरकार के युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के युवा कार्यक्रम विभाग द्वारा स्पेल कार्यक्रम सभी राज्यों के पुलिस विभाग के सहयोग से स्नातक स्तर के विद्यार्थियों के लिए संचालित किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य है छात्रों को पुलिस विभाग के अनुभवों का लाभ मिले। इसकी अवधारणा यह है कि यदि विद्यार्थी अपनी शैक्षिक संस्था के बाहर किसी व्यावसायिक संस्था में विशेषज्ञों के पर्यवेक्षण में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं तो यह विद्यार्थियों के संज्ञानात्मक कौशल में वृद्धि तो करता ही है, साथ ही साथ लोगों से प्रभावी संवाद और संपर्क स्थापित करने की क्षमता में भी गुणात्मक सुधार करता है। विद्यार्थी समाज के साथ क्रियाशील तरीके से जुड़ते हैं और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों की व्यावहारिक समझ बढ़ने से उनको प्राप्त होने वाली अकादमिक शिक्षा पुष्ट होती है और वास्तविक जीवन की समस्याओं का समाधान निकालने की संभावनाएं बढ़ती हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से स्रातक स्तर के छात्र-छात्राओं को पुलिस थाने और अन्य पुलिस प्रतिष्ठानों में तीस दिवसीय ट्रेनिंग दी जाएगी। जिससे कि छात्र-छात्राओं में संज्ञानात्मक कौशल व लोक कौशल में सुधार हो और साथ ही साथ वे कानून और आपराधिक प्रक्रिया, आपराधिक अनुसंधान, यातायात नियंत्रण, साइबर क्राइम, मानव तस्फरी, कानून व्यवस्था, इत्यादि जैसे विषयों पर प्रशिक्षण इन्टर्न के रूप में प्राप्त कर सकें। इस कार्यक्रम से जहां एक ओर विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा, तो दूसरी तरफ पुलिस के लिए भी यह एक ऐसा अवसर है कि वे युवा पीढ़ी में पुलिस मित्र बना सकें। पुलिस के ये युवा मित्र स्वयं तो लाभान्वित तो होंगे ही, साथ ही पुलिस को नए सुझाव दे सकते हैं। सोशल मीडिया पर पुलिस के लिए सकारात्मक विचार प्रसारित करेंगे। पुलिस के ये युवा मित्र भविष्य में पुलिसके ब्रांड एम्बेसडर भी बनेंगे। यही विद्यार्थी पुलिस विभाग में अपना करियर भी चुन सकते हैं। इसके लिए आने वाले दिनों में विद्यार्थियों को प्रमुख रूप से आपराधिक कानूनों और प्रक्रियाओं का आधारभूत ज्ञान दिया जाएगा। आपराधिक अन्वेषण, यातायात प्रबंधन, कानून-व्यवस्था और सामान्य पुलिसिंग सम्बन्धी आधारभूत ज्ञान दिया जाएगा। इस प्रोग्राम के तहत स्नातक स्तर के विद्यार्थियों को क्रेडिट प्वाइन्ट मिलेंगे और इसका उल्लेख इनकी मार्कशीट में भी होगा। अपर पुलिस अधीक्षक या पुलिस उपाधीक्षक इस कार्यक्रम हेतु नोडल अधिकारी होंगे। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा एक आॅनलाइन पोर्टल mybharat.gov.in विकसित किया गया है। जिले के नोडल अधिकारी व एसएचओ का इस पोर्टल में रजिस्ट्रेशन होना है। छात्रों को पंजीकरण के लिए पोर्टल पर जाकर खुद को युवा के रूप में पंजीकृत करना होगा। चयनित थानों पर एक उपनिरीक्षक या मुख्य आरक्षी को नोडल अधिकारी बनाया जायेगा। प्रत्येक छात्र एक महीने तक प्रतिदिन चार घंटे तक कार्य करेगा, जो कुल मिलाकर 120 घंटे की अनुभवात्मक शिक्षा होगी। चार क्रेडिट पॉइंट्स पाने के लिए 120 घण्टे पूर्ण करना होगा। हालांकि, जिन छात्रों का अकादमिक रिकार्ड अच्छा है और उनके संस्थानों की युवा सम्बन्धी गतिविधियों में पृष्ठभूमि है, उन्हें अनुभवात्मक शिक्षा के लिए प्राथमिकता दी जायेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / नीतू तिवारी