झज्जर : नवाब दुजाना की बाग वाली कोठी के आसपास खनन और निर्माण पर रोक

झज्जर, 12 मई (हि.स.)। गांव दुजाना स्थित बाग वाली कोठी के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए उसके आसपास राज्य सरकार ने खनन और निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। यह रोक सरकार के विरासत एवं पर्यटन विभाग ने लगाई है। साथ ही आम आदमी से आगामी 60 दिन के भीतर सुझाव और आपत्तियां भी आमंत्रित किए हैं।

पुरातात्विक महत्व का भवन होने के चलते दुजाना की बाग वाली कोठी के आगे 15 मीटर तक और कुछ क्षेत्र में 30 मीटर तक खनन व निर्माण कार्य करने को प्रतिबंधित कर दिया गया है। तहसीलदार दृष्टि दुहन ने साेमवार काे बताया कि यह आदेश राज्य सरकार के विरासत एवं पर्यटन विभाग ने जारी किए हैं। यह रोक हरियाणा प्राचीन तथा ऐतिहासिक स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल और अवशेष अधिनियम-1965 की धारा 29 के तहत लगाई गई है। आदेश के तहत हर तरह की खुदाई, निर्माण और दूसरी गतिविधियों पर पूरी तरह रोक रहेगी।

दरअसल, दुजाना के नवाब इख्तीदार अली खान की कोठी देखरेख के अभाव में तिल-तिलकर जर्जर हो रही थी। एक खंडहर में तबदील होती जा रही है। इसको संरक्षित करने के लिए सरकार अपने संरक्षण में ले चुकी है। हालांकि गांव में सफेद मस्जिद, लाल मस्जिद सहित कई मस्जिदें हैं, लेकिन सही रूप से लाल मस्जिद का जीर्णोद्धार हुआ है। इस मस्जिद में नमाज भी अदा की जाती है। दिल्ली की जामा मस्जिद के नक्शे पर इस मस्जिद का निर्माण किया गया है। गांव में सबसे सुंदर मस्जिदों में इसकी गणना होती है।

इस तरह की मस्जिद आसपास के क्षेत्र में भी नहीं है। दुजाना के नवाब इख्तीदार अली खान की रियासत से जुड़ी गांव में अनेक धरोहर हैं। इन धरोहरों को संजोने के लिए सरकार की तरफ से पहली बार यह एक बेहतर कदम उठाया गया है। नवाबी काल की इमारतों में एक में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है, तो दूसरे भवन में सरकारी स्कूल चल रहा है। अगर इन धरोहरों को भी अच्छी तरीके से संजोया जाए तो इन नवाबी काल की धरोहरों को एक यादगार के रूप में लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। गांव के निवासी प्रदीप ने कहा कि नवाब की कोठी को मरम्मत के साथ-साथ देखरेख की आवश्यकता है। आसपास खनन और निर्माण पर रोक लगाना सरकार का सही कदम है।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

   

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