बांग्लादेश अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की  निंदा, भारत से हस्तक्षेप की मांग

सिलीगुड़ी, 28 नवंबर (हि.स.)। बांग्लादेश से भारत आए लाेगाें ने हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़ी निंदा की और इस मामले में भारत से हस्तक्षेप की मांग की है। कई बांग्लादेशी नागरिक इलाज और अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए भारत आए थे, वे गुरुवार काे फूलबाड़ी सीमा चेक पोस्ट के माध्यम से बांग्लादेश लौट रहे हैं।

आज फुलबाड़ी की सीमा से बांग्लादेश लौटते वक्त बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के रहने वाले सुभाष चंद्र दास ने बताया कि उनकी बेटी कोलकाता में पढ़ाई करती है। उससे मिलने आया था। अब वे अपने देश बांग्लादेश लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हालात ठीक नहीं हैं। मेरे देश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है। इस्कॉन के स्वामी को बिना किसी गलती के गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने भारत से बांग्लादेश सरकार पर स्वामी की रिहाई की दवाब बनाने की अपील की। एक अन्य बुजुर्ग जितेन नारायण बर्मन ने कहा कि आतंक के साये की बीच देश वापस लौट रहा हूं। हम अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि देश में हिन्दुओं की चिंताजनक स्थिति पर भारत सरकार कोई ठोस कदम उठाये।

गाैरतलब है कि बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के कारण हसीना की सरकार गिर गई थी। तब व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी। अब इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से बांग्लादेश में फिर से हिंसा भड़क भड़क गयी है। ऐसी स्थिति के बीच भारत आने वाले बांग्लादेश वासी स्वदेश लाैटने काे लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं। कहीं वे लाेग भी देश में चल रही हिंसा और उपद्रव का शिकार न हाे जाएं।

हिन्दुस्थान समाचार / सचिन कुमार

   

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