गायत्री परिवार की तीन शक्तिपीठ-24 प्रज्ञा केन्द्रों पर दो फरवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा बसंत पंचमी पर्व
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- Feb 01, 2025
जयपुर, 1 फ़रवरी (हि.स.)। गायत्री परिवार की ओर से बसंत पंचमी पर्व तीन शक्तिपीठ और 24 प्रज्ञा केन्द्रों में धूमधाम से मनाया जाएगा। गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य का आध्यात्मिक जन्म दिवस भी इसी दिन मनाया जाएगा। मुख्य आयोजन गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में सुबह साढ़े आठ से दोपहर बारह बजे तक नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ होगा। इस मौके पर पर्व पूजन के बाद वाद्य यंत्रों और वेदों का भी पूजन किया जाएगा। बड़ी संख्या में छोटे बच्चों का विद्यारंभ संस्कार भी कराया जाएगा। गायत्री शक्तिपीठ वाटिका और गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ में भी बसंत पंचमी उत्सव बड़े स्तर पर मनाया जाएगा।
किरण पथ, मानसरोवर स्थित वेदना निवारण केन्द्र पर रविवार को बसंत पंचमी पर्व उत्साह पूर्वक मनाया जाएगा। इस अवसर पर विविध आयोजन होंगे। अखिल विश्व गायत्री परिवार की संस्थापक वंदनीय माताजी भगवती देवी शर्मा और अखंड दीपक के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। साधकों को वर्षपर्यंत चलने वाले साधनात्मक कार्यों में से किसी एक भी साधना का संकल्प करवाया जाएगा। वेदना निवारण केन्द्र, मानसरोवर के व्यवस्थापक आर डी गुप्ता ने बताया कि एक फरवरी को सुबह सात से शाम पांच बजे तक गायत्री महामंत्र का अखंड जाप किया जाएगा। शाम सवा पांच बजे दीपयज्ञ होगा। दो फरवरी को सुबह नौ बजे ज्ञान की देवी सरस्वती और वाद्य यंत्रों का पूजन किया जाएगा। सवा नौ बजे नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ और साधना संकल्प समारोह शुरू होगा। ग्यारह बजे हवन की पूर्णाहुति होगी।गायत्री चेतना केंद्र दुर्गापुरा में दो फरवरी को सुबह आठ बजे से पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ के साथ बसंत पर्व मनाया जाएगा।
गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि इस मौके पर लोगों को बसंत पंचमी 2026 तक की अवधि में साधना अनुष्ठान से जुडऩे का संकल्प कराया जाएगा। अखंड दीपक एवं वंदनीया माताजी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में स्थान-स्थान पर ज्योति कलश यात्रा के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पांच कुंडीय यज्ञ से लेकर 108 कुंडीय यज्ञों की श्रृंखला चल रही है। ऐसे में बसंत पंचमी-2025 से लेकर बसंत पंचमी 2026 तक का समय गायत्री परिवार के परिजनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसलिए कार्यक्रमों की सफलता के लिए सूक्ष्म में वातावरण बनाने तथा व्यक्तिगत जीवन को परिष्कृत करने के लिए साधना अनुष्ठान चलाए जाएंगे। जयपुर उपजोन में इस बसंत पंचमी से 2026 की बसंत पंचमी के लिये एक वर्षीय साधना अनुष्ठान चलाने की योजना बनाई गई है। दो श्रेणी के साधना अनुष्ठान बनाए गए है। साधक अपनी सामर्थ्य एवं परिस्थिति के अनुसार दोनों में से कोई भी विकल्प चुन सकते है। अनुष्ठान का संकल्प पत्र भर कर अपनी नजदीकी शाखा में जमा करा सकते हैं। पहली श्रेणी में नियमित रूप से 11 माला गायत्री मंत्र, एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जप, 30 मिनिट साहित्य का स्वाध्याय का अनुष्ठान रहेगा। दूसरी श्रेणी में तीन माला गायत्री महामंत्र अथपा रोजाना एक पेज गायत्री मंत्र का लेखन, रोजाना एक वर्ष तक गायत्री चालीसा का पाठ शामिल है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश