बेहतर पुलिसिंग का परिणाम कांतेश मिश्र की आईबी में हुई प्रतिनियुक्ति: डीआईजी

-कांतेश जी के बारे में कुछ भी कहना सूर्य को दिया जलाने के समान्य: डीएम

-कर्मियों के सहयोग से मिली सफलता, असफलता महादेव को समर्पित: एसपी

पूर्वी चंपारण, 15 सितंबर (हि.स.)। डीआईजी जयकांत ने रविवार शाम एसपी कांतेश मिश्र के विदाई समारोह में कहा कि लीडर के तौर पर हमें किसी को पढ़ने एवं समझने का अवसर प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर काफी धबड़ाहट के साथ ही चिंता थी, जाहिर सी बात थी कि पीएम के प्रोग्राम को करा देना एक पुलिस आफिसर के लिए कितनी बड़ी चुनौती होती है, लेकिन एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने कार्यक्रम की सफलता का जो खांचा तैयार किया, उसकी जितनी भी तारीफ की जाये, कम कही जायेगी।

जयकांत ने कहा कि पूर्वी चम्पारण जिले की पुलिसिंग निश्चित तौर पर चाईलेंजिग है, इसमें अपने आप को निकाल कर निखार पाना कोई श्री मिश्र से सीखे। इस जिले में गैंग भी है। बाॅर्डर होने के कारण देश विरोधी तत्व भी सक्रिय है। इस चैलेंज को स्वीकार करके इन्होने जो कार्य किया, वह अपने आप में हाथी के कान पर चढ़कर किया गया कार्य माना जायेगा। हाथी के कान पर बैठा व्यक्ति नहीं हारता। जाहिर है कि इनके कार्यो को देख गृह मंत्रालय भारत सरकार ने इनकी प्रतिनियुक्ति आईबी में करने की इच्छा जताते हुए बिहार सरकार से मांग की। इस तरह के एजेंसियों में प्रतिनियुक्ति कोई आसान नहीं। ये जहां भी जायेंगे, अपने हिसाब से चीजो को समझकर बेहतर करेंगे।

मौके पर डीएम सौरभ जोरवाल ने अपने निजी लगाव को परिभाषित करते कहा कि इनके साथ औरंगाबाद जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र से लेकर यहां तक लगातार काम करने का अवसर प्राप्त हुआ है। जाहिर सी बात है कि ये पारिवारिक बन गये। हम दोनो एक बड़े भाई छोटे भाई की तरह कार्य करते आ रहे है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के पहाड़ियों पर इनके द्वारा किए गये आपरेशन में अपनी सहभागिता की याद को ताजा करते हुए एसपी मिश्र के शेर जैसी ताकतो का अहसास कराते कहा कि कवि सम्राठ प्रतिभावान एवं सुलझे दिमाग के आईपीएस अधिकारी कांतेश जी के बारे में कुछ भी कहना सूर्य को दीपक दिखाने के मात्र होगा।

अपनी बिदाई के दौरान उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए आईपीएस मिश्र ने सर्वप्रथम सभी के प्रति आभार जताया। कहा कि अकेला हमने कुछ भी नहीं किया, जो किया आप सभी के सहयोग से किया। जो बेहतर किया आप सभी के सहयोग से हुआ। जो कार्य अधूरे रह गये, वह मेरे एवं महादेव को समर्पित। उन्होने बारी-बारी से वैसे तमाम सहयोगियों की मुक्त कंठ से सराहना की, जो उनके कार्यकाल में दिन-रात लगकर बेहतर पुलिसिंग के लिए उनको नामित करने में लगे रहे। इनमें डीएसपी, इंस्पेक्टर, थानाध्यक्ष, प्रशिक्षु अधिकारी के नामो की चर्चा की।

हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार

   

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