केंद्रीय बजटः कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम, ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ का ऐलान 

नई दिल्ली, 1 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपने बजट में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल का ऐलान किया। संसद में वित्त मंत्री ने 'प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना' शुरू करने का ऐलान करते हुए बताया कि इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है। इस योजना के तहत सरकार 1.7 करोड़ किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी और उनके लिए बेहतर अवसर बनाने की दिशा में कदम उठाएगी।

बजट में उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण को अपनाने, कटाई के बाद भंडारण को बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करने और दीर्घकालिक तथा अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाने के लिए 100 जिलों को कवर करने वाले राज्यों के साथ साझेदारी में ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की घोषणा की गई।

कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के माध्यम से कृषि में अल्परोजगार को दूर करने के लिए राज्यों के साथ साझेदारी में एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन’ कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करना है, जिसमें ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

केंद्रीय वित्तमंत्री ने घोषणा की कि सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के साथ 6 वर्षीय “दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन” शुरू करेगी। केंद्रीय एजेंसियां ​​(नेफेड और एनसीसीएफ) किसानों से अगले 4 वर्षों के दौरान जितनी भी पेशकश की जाएगी, इन तीन दालों की खरीद करने के लिए तैयार रहेंगी।

बजट में कृषि और संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अन्य उपायों के अलावा सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम, उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन और कपास उत्पादकता के लिए पांच वर्षीय मिशन जैसे उपायों की रूपरेखा तैयार की गई है। वित्त मंत्री ने संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए गए ऋण के लिए ऋण सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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