वाराणसी: बजट विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के लिए एक विशिष्ट रोडमैप

—बजट 2025 की मुख्य बातों पर बीएचयू में विशेषज्ञों ने की चर्चा, उद्योग विशेषज्ञ भी हुए शामिल

वाराणसी,05 फरवरी (हि.स.)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) वाणिज्य संकाय के प्लेटिनम हॉल में बुधवार को आम बजट 2025 को लेकर आयोजित परिचर्चा में प्रतिष्ठित पैनल के साथ विशेषज्ञों और उद्योग विशेषज्ञों ने भी भागीदारी की। परिचर्चा में पैनलिस्टों ने बजट 2025 की मुख्य बातों पर विस्तार से चर्चा की। जिसमें आर्थिक विकास, कर संशोधन, बुनियादी ढांचा, सामाजिक कल्याण, डिजिटल नवाचार, कृषि सहायता और रक्षा शामिल हैं। चर्चा में वाणिज्य संकाय के प्रमुख और डीन ने छात्रों को बजट में कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों, स्टार्टअप्स, एमएसएमई और भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न इंजनों के विवरण के लिए किए प्रावधानों को बताया।

मैनेजमेंट स्टडीज के डीन प्रो. एसके दुबे ने कहा कि यह बजट विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के लिए एक विशिष्ट रोडमैप है। उन्होंने कर ढांचे में प्रस्तावित महत्वपूर्ण बदलावों को भी बताया। जिसमें व्यक्तियों के लिए आयकर स्लैब में समायोजन और कॉर्पोरेट कराधान में सुधार शामिल हैं। इसका लक्ष्य कर व्यवस्था को सरल बनाना, कर आधार को व्यापक बनाना और घरेलू और विदेशी दोनों निवेशों को प्रोत्साहित करना है।

सीए विशाल सिंह ने कर ढांचे में प्रस्तावित महत्वपूर्ण बदलावों पर चर्चा की, जिसमें व्यक्तियों के लिए आयकर स्लैब में समायोजन और कॉर्पोरेट कराधान में सुधार शामिल हैं । प्रो. डी. साहू ने कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के प्रावधानों को बताया। डॉ. लाल बाबू जायसवाल ने अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों के साथ-साथ वित्तीय क्षेत्र के विभिन्न सुधारों पर जोर दिया। उन्होंने एफएसडीसी तंत्र को भी उचित महत्व दिया। डॉ. मीनाक्षी ए सिंह और डॉ. इशी मोहन ने भी बात रखी। एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर खंड ने छात्रों को पैनल से सीधे जुड़ने का मौका दिया, जिससे पाठ्यक्रम को अद्यतन करने और राजकोषीय नीति की भूमिका पर चर्चा हुई। परिचर्चा में शिक्षाविदों और उद्योग के पेशेवरों ने आम बजट 2025 के विशेषताओं को बताया।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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