आईआईटी में दिव्यांगजनों को समर्पित सीडीएपी वार्षिक दिवस मनाया गया

कानपुर, 13 जनवरी (हि.स.)। दिव्यांगजनों को सशक्त व स्वालंबी बनाने के उद्देश्य से आईआईटी कानपुर में सीडीएपी का वार्षिक दिवस मनाया गया। यह कार्यक्रम विशेष रूप से दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए एक प्रेरक मंच के रूप में समर्पित है। इसमें कई प्रभावशाली गतिविधियां, प्रेरक कहानियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल रहे। साथ ही पांच दृष्टि बाधित छात्रों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की गई। यह जानकारी साेमवार काे आईआईटी की मीडिया प्रभारी रूचा खेडकर ने दी।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में सेल फॉर डिफरेंटली एबल्ड पर्सन्स (सीडीएपी) का वार्षिक दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित पैरा तैराक मोहम्मद शम्स आलम शेख ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान आईआईटी निदेशक प्रो. मनिंद्र अग्रवाल ने आईआईटी कानपुर में समावेशी और सहायक वातावरण को बढ़ावा देने में सीडीएपी की परिवर्तनकारी भूमिका पर जोर दिया। सेल की पहल को और बढ़ाने के लिए अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता को दोहराया।

मुख्य अतिथि मोहम्मद शम्स आलम शेख ने बताया कि 24 वर्ष की आयु में उनका जीवन बिल्कुल बदल गया। जब उनकी पीठ के निचले हिस्से में ट्यूमर विकसित हुआ, जिससे उनका निचला आधा हिस्सा चलने-फिरने में असमर्थ हो गया। तैराकी में विश्व रैंकिंग हासिल करने की उनकी यात्रा सभी उपस्थित लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत थी।

इसके साथ ही चेन्नई के हेल्प द ब्लाइंड फ़ाउंडेशन की ओर से कानपुर के पांच दृष्टिबाधित छात्रों को 25-25 हजार रुपये की छात्रवृत्ति का वितरण किया गया। समारोह का समापन प्रोफेसर अनुभा गोयल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने मुख्य अतिथि तथा सभी प्रतिभागियों के प्रति इस कार्यक्रम को यादगार तथा सफल बनाने में उनके योगदान के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / Rohit Kashyap

   

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