मुख्यमंत्री धामी ने युवाओं से की अपील, युवा नशे को मजबूती से कहें ना

- नशामुक्त भारत अभियान की 5वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने किया संबोधित-तीन वर्ष में 6 हजार गिरफ्तार व दो सौ करोड़ से अधिक के नारकोटिक पदार्थ किए बरामद

देहरादून, 18 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज नशे का प्रसार वैश्विक स्तर पर एक ‘साइलेंट वॉर’ की तरह हो रहा है, जिसका सबसे बड़ा निशाना हमारी युवा शक्ति है। यह युवा पीढ़ी ही नए भारत की ऊर्जा, नवाचार, सामर्थ्य और प्रगति का वास्तविक आधार है। हमारे युवा पूरी मजबूती के साथ नशे को न कहें। राज्य सरकार भी नशे के विरुद्ध इस महाअभियान के अंतर्गत “ड्रग्स फ्री उत्तराखंड” के संकल्प को साकार करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ मिशन मोड पर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री धामी मंगलवार को अपने कैंप कार्यालय के मुख्य सेवक सदन में नशामुक्त भारत अभियान की 5वीं वर्षगांठ के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री धामी ने युवाओं को नशा मुक्त भारत अभियान की शपथ भी दिलाई। साथ ही स्कूल कॉलेजों में राज्य स्तर पर आयोजित भाषण एवं निंबध प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित भी किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाले कर्मवीरों के सहयोग से आज समाज नशे की भयावह समस्या से मुकाबला करने में सक्षम हो रहा है। उन्होंने कहा कि नशा केवल एक बुरी आदत नहीं, बल्कि समाज को भीतर से खोखला करने वाली एक भयावह चुनौती है। ये घातक प्रवृत्ति व्यक्ति की चेतना, विवेक और निर्णय लेने की क्षमता को नष्ट कर उसके पूरे भविष्य को विनाश की ओर ले जाती है।

मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की है कि वो स्वयं भी नशे को पूरी मजबूती के साथ ना कहें और साथ ही अपने साथियों को भी नशे के लिए “ना’’ कहने के लिए प्रेरित करें। युवा पीढ़ी यदि यही ऊर्जा किसी नकारात्मक प्रभाव में फंस जाएगी, तो राष्ट्र के विकास की गति भी अवरुद्ध हो जाएगी। इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2020 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत कर पूरे देश से इस सामाजिक बुराई के विरुद्ध एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए वर्ष 2022 में त्रिस्तरीय एन्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया। फोर्स ने बीते तीन वर्ष में 6 हजार से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार कर दो सौ करोड़ रुपये से अधिक के नारकोटिक पदार्थ भी बरामद किए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार नशे की प्रवृत्ति को रोकने, नशाग्रस्त व्यक्तियों को पुनः मुख्यधारा से जोड़ने और उनके पुनर्वास के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में नशा मुक्ति केंद्रों को प्रभावी बना रही है। राज्य के प्रत्येक जनपद के शिक्षण संस्थानों में एंटी-ड्रग कमेटियों का गठन किया गया है, जिनमें जागरूक विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों तथा प्रधानाचार्यों को सदस्य के रूप में सम्मिलित किया गया है। उत्तराखंड की गौरवशाली पहचान “ऐपण कला” को भी इस अभियान से जोड़ा गया है। युवाओं को नशे से दूर रखने और उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने के लिए राज्य में ‘दगड़िया क्लब’ भी बनाए गए हैं।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक सविता कपूर, उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष संजय नेगी, समाज कल्याण के सचिव डॉ. श्रीधर बाबू अद्यांकी, अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. वी मुरुगेशन, समाज कल्याण निदेशक डॉ. संदीप तिवारी सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

   

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