मुख्यमंत्री ने रामबन के सेरी में भूस्खलन से तबाही का जायजा लिया, प्रभावित परिवारों से मिले
- Neha Gupta
- Apr 22, 2025


रामबन, 22 अप्रैल । जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन के कारण हुई तबाही के बाद रामबन के सेरी में जमीनी हालात का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। पिछले दो दिनों में प्रभावित इलाकों का यह उनका दूसरा दौरा था। सोमवार को मुख्यमंत्री श्रीनगर से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सबसे अधिक प्रभावित मरूग-केला मोड़ खंड पर गए, जो मंगलवार को तीसरे दिन भी बंद रहा।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपने राजनीतिक सलाहकार नासिर असलम वानी के साथ आज सुबह हेलीकॉप्टर से रामबन के चंद्रकोट क्षेत्र पहुंचे और स्थिति का आकलन करने के लिए तुरंत भूस्खलन प्रभावित सेरी के लिए रवाना हो गए। रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी को मुख्यमंत्री को जानकारी दी, जबकि वह पैदल ही प्रभावित परिवारों से मिलने गए। जिला विकास परिषद के अध्यक्ष शमशाद शान और बनिहाल के विधायक सज्जाद शाहीन भी इस दौरान मौजूद थे और उन्होंने मुख्यमंत्री से बातचीत की। इसके बाद नुकसान का जायजा लेने के लिए रामबन बाजार के लिए रवाना हो गए। मुख्यमंत्री ने लोगों के एक समूह की बात धैर्यपूर्वक सुनी और उन्हें अपना जीवन फिर से शुरू करने के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
अधिकारियों ने बताया कि उमर अब्दुल्ला जिला मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करने से पहले अन्य सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा करेंगे। स्थानीय निवासियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री को नुकसान के पैमाने और चल रहे बचाव और राहत कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की और आश्वासन दिया कि सरकार इस त्रासदी के पीड़ितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विनाश का स्तर बेहद दुखद है। हमारा प्रशासन हर प्रभावित परिवार की सुरक्षा, राहत और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस कठिन समय में अपने लोगों के साथ खड़े होने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। बड़े पैमाने पर निकासी अभियान जोरों पर है जिसमें लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), आपदा प्रतिक्रिया इकाइयों, पुलिस, स्वयंसेवकों और स्थानीय लोगों की टीमें प्रभावित क्षेत्र में पत्थरों को हटाने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं।------------------