चिट्टा-विरुद्ध जन आंदोलन का आगाज़, मुख्यमंत्री सुक्खू ने शिमला में वॉकथॉन का नेतृत्व किया
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- Nov 15, 2025
शिमला, 15 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश में मादक पदार्थ चिट्टा के खिलाफ व्यापक जन आंदोलन की शुरुआत की। शिमला के रिज से चौड़ा मैदान तक आयोजित चिट्टा-विरुद्ध जागरूकता वॉकथॉन का नेतृत्व करते हुए मुख्यमंत्री ने समाज के सभी वर्गों के लोगों, विद्यार्थियों, जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों और गणमान्य नागरिकों को नशामुक्ति का संकल्प दिलाया।
चौड़ा मैदान में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि यह दिन हिमाचल के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चिट्टे के खिलाफ लड़ाई केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनता की पुकार और हिमाचल की अस्मिता से जुड़ा हुआ जन आंदोलन है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन की गूंज पूरे देश में सुनाई देगी और तस्करों को कहीं भी शरण नहीं मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने स्कूलों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और सुरक्षा के किलों के रूप में विकसित करने की घोषणा की, जहां से नई पीढ़ी “चिट्टा नहीं, चेतना” लेकर आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में माताएं रीढ़ की भूमिका निभाएंगी, क्योंकि उनके नेतृत्व से समाज जल्दी जागृत होता है। धार्मिक संस्थाओं से भी उन्होंने इस अभियान को सशक्त बनाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि चिट्टा बेचने वालों के लिए प्रदेश में अब कोई जगह नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ऐसा हिमाचल बनाएंगे जहां चिट्टे का नाम केवल इतिहास की पुस्तकों में मौजूद हो। मुख्यमंत्री ने नशे को सभ्यता, संस्कार और भविष्य पर प्रहार बताते हुए इसके खिलाफ निर्णायक आंदोलन की घोषणा की।
सुक्खू ने बताया कि सरकार नशे के खिलाफ तीन स्तंभों पर काम कर रही है जागरूकता, नशा तस्करी पर कठोर कार्रवाई और नशे की चपेट में आए युवाओं का पुनर्वास। उन्होंने कहा कि नशे के शिकार युवा अपराधी नहीं, बल्कि उपचार और संवेदना के पात्र हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने चिट्टे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम लागू कर बार-बार तस्करी में शामिल लोगों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। नए विधेयकों में नशा तस्करों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास, 10 लाख रुपये तक जुर्माना और संपत्ति जब्ती जैसी कठोर सज़ाओं का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार एक हजार एंटी-चिट्टा स्वयंसेवियों की टीम गठित कर रही है, जो पुलिस और जनता के बीच समन्वय का कार्य करेगी। पंचायत स्तर पर चिट्टा उपभोग और तस्करी की मैपिंग भी पूरी कर ली गई है। स्कूल पाठ्यक्रम में नशामुक्ति पर नया अध्याय शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री ने वॉकथॉन में शामिल विद्यार्थियों से संवाद कर उन्हें नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी तथा चिट्टा के कारण अपने बच्चों को खो चुके अभिभावकों को सांत्वना दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला



