बायो मेडिकल वेस्ट फेंकने वाले प्लांट प्रबंधन और ग्रामीण से सीओ ने की पूछताछ
- Admin Admin
- Sep 27, 2025
रामगढ़, 27 सितंबर (हि.स.)। प्रखंड क्षेत्र के फैसला गांव में बायो मेडिकल वेस्ट खुले में फेंकने के बाद प्रदूषण काफी फैल गया। इस मामले में एसडीओ के आदेश पर रामगढ़ अंचल अधिकारी रमेश रविदास ने कार्रवाई की थी। उनकी ओर से जारी किए गए नोटिस के बाद शनिवार को बायो मेडिकल जेनेटिक प्लांट प्रबंधन के प्रबंधक और ग्रामीण अंचल कार्यालय में हाजिर हुए। इस दौरान संतोष करमाली पर प्रदूषण फैलाने के बारे में पूछताछ हुई। अंचल अधिकारी ने सभी पक्षों को बारी-बारी से सुना।
प्लांट प्रबंधन ने ड्राइवर को बताया दोषी
प्लांट प्रबंधन की ओर से पहुंचे चंदन सिंह ने प्रदूषण फैलाने के मुद्दे पर अपना पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने अंचल अधिकारी को बताया कि संतोष करमाली हेसला टोला कनाटांड़ का ही रहने वाला है। वह उनके प्लांट में ड्राइवर की नौकरी करता था। उसने कब बायोमेडिकल वेस्ट को खुले में फेंक दिया, इसका पता प्रबंधन को नहीं है। प्रदूषण फैलाने में उनका किसी भी प्रकार से कोई दोष नहीं है। जब उन्हें ड्राइवर से गलत तरीके से खुले में मेडिकल वेस्ट फेंकने की सूचना मिली तो, उन्होंने भी संतोष करमाली को नौकरी से निकाल दिया।
ग्रामीणों ने लगाया प्लांट प्रबंधन पर मिलीभगत का आरोप
इस मुद्दे पर हेसला के ग्रामीण उमेश बेदिया के साथ दर्जनों लोग पहुंचे थे। उन लोगों ने बायोमेडिकल जेनेटिक प्लांट प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संतोष करमाली इतना सक्षम नहीं है, कि वह एक दिन में लगभग 50 हाईवा से कचरा फेक सकता है। इसमें प्रबंधन का हाथ जरूर है। गांव में जब कचरा फेंका गया था, तो एक ही दिन में कई गाड़ियां बारी-बारी से आकर कचरा फेंकती रही। इतनी पड़ी लापरवाही के लिए प्रबंधन भी जिम्मेदार है। इस मामले में संतोष करमाली के साथ-साथ प्लांट प्रबंधन पर भी जिला प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।
संतोष करमाली ने अंचल अधिकारी के सामने अपनी गलती कबूल की है। उसने कहा कि गलती से वह गांव के खेत में कचरा फेंक रहा था। इसके लिए उसे जो भी सजा दी जाएगी उसे कबूल है।
इस मामले में अंचल अधिकारी रमेश रविदास ने कहा कि तीनों पक्षों की बात सुनी गई है। सभी तथ्यों से वरीय अधिकारियों को भी अवगत कराया जाएगा। साथ ही उन्हीं के मंतव्य से कार्रवाई होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश



