(अपडेट) बिहार में छह छोटे हवाई अड्डे होंगे विकसित, कैबिनेट ने दी स्वीकृति

-मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 20 एजेंडों पर लगी मुहर

पटना, 17 जून (हि.स.)। प्रदेश सरकार ने सुगम और समुचित हवाई संपर्क प्रदान करने के लिए छह हवाई अड्डों को विकसित करने की कवायद तेज कर दी है। इसके अंतर्गत मधुबनी, वीरपुर (सुपौल), मुंगेर, बाल्मीकीनगर (पश्चिमी चंपारण), मुजफ्फरपुर और सहरसा हवाई अड्डा को उड़ान योजना के तहत छोटे हवाई अड्डा के रूप में विकसित करने के लिए नई दिल्ली स्थित भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) होने जा रहा है। इसकी कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में 20 एजेंडों पर मुहर लगी। इस बैठक के बाद लिए गए निर्णयों के बारे में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सूचना भवन सभागार में प्रेस कांफ्रेंस में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य के बीच होने वाले इस समझौते से हवाई अड्डों का निर्माण कार्य जल्द पूरा हो सकेगा। इससे स्थानीय निवासियों को हवाई आमागमन में सहूलियत होने के साथ ही आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। इसके लिए 25 करोड़ रुपये प्रत्येक हवाई अड्डा के लिए दिया गया है। इस तरह सभी छह हवाई अड्डों के लिए 125 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

अपर मुख्य सचिव डॉ सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य में अब सरकार तेलहन और दलहन की भी खरीद करेगी। इसके लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के स्तर से प्राइस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) के तहत राज्य में दलहन और तेलहन की अधिप्राप्ति का मूल्य मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित किया गया है। चना का 5 हजार 650 रुपये प्रति क्विंटल, मसूर के लिए 6 हजार 700 रुपये और सरसो के लिए 5 हजार 950 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने बताया कि पटना में मौजूद होटल पाटलिपुत्र अशोक के स्थान पर एक पांच सितारा होटल बनेगा। इसके लिए पीपीपी (निजी-सरकारी सहयोग) मोड पर निर्माण की मंजूरी दी गई है। इसमें सफल निविदाकर्ता पटना की कुमार इंफ्राट्रेड इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) निर्गत किया गया है। ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को बेहतरीन आवासन की सुविधा मिल सके। इससे राजस्व प्राप्त में बढ़ोतरी होने के साथ ही आर्थिक गतिविधि भी बढ़ेगी। यह लीज शुरुआती 60 वर्ष के अलावा 30-30 वर्ष के लिए दो बार अवधि विस्तार की जाएगी। इसके अलावा गांधी मैदान के पास मौजूद बांकीपुर सरकारी बस स्टैंड और पटना के दारोगा राय पथ पर स्थित परिवहन विभाग के कार्यालय सुल्तान पैलेस का निर्माण भी पांच सितारा होटल के तौर पर कराया जाएगा। इसके लिए जल्द ही निविदा की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और इसके अंतर्गत निदेशालयों से जुड़े मामलों का समाधान करने के लिए राजस्व परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया है। इसका अध्यक्ष किसी सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी को अध्यक्ष बनाया जाएगा। इस समिति के गठन का उदेश्य राजस्व विशेषज्ञों की सेवा लेकर जटिल मामलों का समाधान करना है।

खान एवं भूतत्व विभाग के तहत राज्य की 5 प्रमुख नदियों सोन, किउल, फ्लगू, मोरहर और चानन का पुनर्भरण अध्ययन कराया जाएगा। यह अध्ययन सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड (सीएमपीडीआई) से कराया जाएगा। इस पर दो करोड़ 58 लाख 61 हजार रुपये का खर्च आएगा। इससे इन प्रमुख नदियों में वर्षा के दौरान बालू के जमा होने की जानकारी मिल सकेगी। इसकी मदद से पर्यावरण का ध्यान रखते हुए बालू की निकासी हो सकेगी।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य के माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूलों में लिपिक के पद पर नियुक्ति होगी। इसके लिए बिहार राज्य विद्यालय लिपिक (नियुक्ति, सेवाशर्त एवं अनुशासनिक कार्रवाई) संवर्ग नियमावली-2025 की स्वीकृति कैबिनेट ने प्रदान कर दी है।

ये हुए अन्य महत्वपूर्ण निर्णय-

-राज्य में भवनों के अंदर गुणवत्तापूर्ण दूरसंचार सेवाएं बहाल करने के लिए बिहार भवन उपविधि, 2014 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके तहत अब व्यक्ति अपने घर की छत पर 5जी मोबाइल नेटवर्क का टॉवर आसानी से लगा सकेंगे। यह भवन का ही हिस्सा होगा। इसके लिए किसी तरह के अनुमति की जरूरत नहीं पड़ेगी।

-सैप के 1717 जवानों को एक वर्ष के लिए सेवा का विस्तार दिया गया है।

-राज्य खेल अकादमी एवं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में प्रशिक्षक की बहाली से संबंधित नियमावली को मंजूरी दी गई है। इसका नाम राजगीर की क्रीड़ा प्रशिक्षक संवर्ग (भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियमावली, 2025 रखा गया है। -सारण जिला के अमनौर में औद्योगिक विकास क्षेत्र विकसित करने के लिए 70 एकड़ जमीन मुफ्त में दी गई है।

-पटना के मीठापुर में मौजूद चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान (शिक्षा विभाग) के स्वामित्व वाली 0.1555 एकड़ जमीन मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए दी गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी

   

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