बंजर भूमि को खेती योग्य बनाने में लाभकारी है ‘चेन लिंक घेरबाड़ योजना’

नैनीताल, 10 अप्रैल (हि.स.)। उत्तराखंड सरकार द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से चलाई जा रही ‘चेन लिंक घेरबाड़ योजना’ नैनीताल जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में बंजर भूमि को फिर से उपजाऊ बनाने और खेती को लाभकारी बनाने में सफल हो रही है। इस योजना से न केवल फसलों को जंगली जानवरों और आवारा पशुओं से सुरक्षा मिली है, बल्कि इससे खेती योग्य भूमि का विस्तार भी हुआ है और ग्रामीणों में खेती के प्रति रुचि भी बढ़ी है।

इस योजना के अंतर्गत भीमताल विकासखंड के ग्राम भद्यूनी में कृषि विभाग द्वारा 3.22 लाख रुपये की लागत से 5 हैक्टेयर भूमि क्षेत्र में घेरबाड़ का कार्य किया गया। जिससे 35 से अधिक परिवार लाभान्वित हुए हैं। पूर्व में यह क्षेत्र जंगली जानवरों की लगातार आवाजाही के कारण अनुपयोगी बनता जा रहा था। खेतों में बार-बार नुकसान होने से ग्रामीणों का खेती के प्रति उत्साह टूटता जा रहा था, लेकिन अब स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।

गांव की निवासी आनंदी देवी ने बताया कि गांव की भूमि अत्यंत उपजाऊ है, किंतु पूर्व में जंगली सूअर, बंदर, भालू और अन्य जानवर फसलों को चौपट कर देते थे। जिससे अनेक किसानों ने खेती छोड़ दी थी। किंतु ग्रामीणों ने एकजुट होकर कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर समस्या को सामने रखा, जिसके बाद विभाग द्वारा सर्वेक्षण कर योजना के तहत तारबाड़ स्थापित कर दी गई। अब खेतों में फसलें सुरक्षित हैं और ग्रामीण पुनः खेती की ओर लौट रहे हैं।

कृषि विभाग के अनुसार ‘चेन लिंक घेरबाड़ योजना’ का उद्देश्य ग्रामीणों को सुरक्षित खेती के लिए प्रेरित करना और कृषि से उनकी आय को बढ़ाना है। साथ ही पलायन की समस्या को भी इस योजना के माध्यम से नियंत्रित किया जा रहा है, क्योंकि जब खेत सुरक्षित होते हैं और आय का साधन बनते हैं, तो लोग अपने गांव छोड़कर जाने के बजाय वहीं रहकर कार्य करने को प्राथमिकता देने लगते हैं। इस योजना के प्रभाव से चयनित क्षेत्रों में भूमि की घेरबाड़ कर बंजर खेतों को फिर से उपजाऊ बनाकर गांवों में हरियाली लौटाई जा रही है। आने वाले समय में विभाग द्वारा और अधिक गांवों को योजना में शामिल कर इसके लाभ को विस्तार देने की योजना है। कृषि विभाग ने अन्य गांवों के किसानों से भी अपील की है कि वे अपने क्षेत्र में यदि फसल सुरक्षा को लेकर परेशान हैं तो विभाग से संपर्क कर योजना का लाभ लें।

योजना में चयनित भूमि को तारबाड़ से घेरा जाता है जिससे सामूहिक खेती को बढ़ावा मिलता है। इसके साथ ही किसानों को जैविक खेती, सब्जी उत्पादन और बागवानी के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। यह योजना न केवल कृषि सुरक्षा प्रदान कर रही है, बल्कि इससे सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण भी हो रहा है। कृषि विभाग का कहना है कि यदि इस योजना को और व्यापक रूप से लागू किया गया तो आने वाले वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन देखा जा सकेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

   

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