चंबल शिखर सम्मेलन 25, 26 सितंबर को, अंचल की बेहतरी के लिए होगा मंथन

औरैया, 18 अगस्त (हि. स.)। चंबल संग्रहालय, पंचनद की तरफ से चंबल शिखर सम्मेलन का आयोजन 25, 26 सितंबर को होने जा रहा है। इस शिखर सम्मेलन में चंबल अंचल का समृद्ध इतिहास विषय पर विशेष मंथन होगा। इस सम्मेलन का उद्देश्य नई पीढ़ी को चंबल की गौरवशाली विरासत से परिचित कराना और इस क्षेत्र के समृद्ध इतिहास को संरक्षित करना है। चंबल संग्रहालय, पंचनद कई वर्षों से लोक संस्कृति, धरोहर, इतिहास, बोली, भाषा, और ज्ञान की धारा को सहेजने के प्रयास में जुटा हुआ है।

चंबल शिखर सम्मेलन में इतिहासविद्, स्थानीय विद्वान, बुजुर्गों के मौखिक विचार और शोधार्थियों के शोध पत्रों के माध्यम से अंचल के इतिहास का गहन अध्ययन और विश्लेषण किया जाएगा। चंबल संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राना ने बताया कि इस दौरान चंबल अंचल से जुड़ी पुस्तकों, दस्तावेजों, पत्रों आदि की प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य चंबल घाटी की बेहतरी, चुनौतियों का समाधान, और युवा पीढ़ी को प्रेरित और सशक्त करना है।

चंबल की समस्याओं, उभरती जरूरतों, और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, यह सम्मेलन विशेषज्ञों और शोधार्थियों के लिए एक खुला मंच होगा, जहां वे अपने विचार साझा करेंगे और एकजुट होकर समाधान की दिशा में आगे बढ़ेंगे। शोधार्थियों के लिए शोध-पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 5 सितंबर 2024 है, और प्रतिभागियों से अनुरोध है कि वे अपने शोध पत्र 4000 शब्दों की सीमा में भेजें। सम्मेलन में विभिन्न विषयों पर सत्र होंगे, जिसमें चंबल का इतिहास, स्वाधीनता संग्राम, लोक संस्कृति, भारतीय सेना में चंबल का योगदान, खेल, सिनेमा, विज्ञान, और प्रौद्योगिकी में चंबल का योगदान, पर्यटन, ऐतिहासिक स्थल, खेती-किसानी, और महान विभूतियों पर चर्चा होगी। इस आयोजन के माध्यम से चंबल अंचल के विकास और संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार / Siyaram Pandey

   

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