मुख्य सचिव ने एसएचए की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की

जम्मू। स्टेट समाचार
मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने राज्य स्वास्थ्य एजेंसी की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें लोगों के अनुकूल एबी-पीएमजेएवाई और एबी-पीएमजेएवाई सेहत योजना को जारी रखने के लिए इसके प्रदर्शन और आगे की राह पर चर्चा की गई। बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के एसीएस, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव, आरडीडी सचिव, एसएचए के सीईओ, एनएचएम के एमडी, स्किमस के निदेशक, कोड के महानिदेशक, बजट के महानिदेशक, जीएमसी श्रीनगर/जम्मू के पिं्रसिपल, स्वास्थ्य निदेशक जम्मू/कश्मीर, एसआईओ एनआईसी के अलावा अन्य संबंधित वरिश्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने जम्मू-कश्मीर में एबी-पीएमजेएवाई और एबी-पीएमजेएवाई सेहत योजनाओं के कार्यान्वयन में एसएचए के प्रदर्शन पर ध्यान दिया। उन्होंने इस अवसर पर खासकर इसके तहत 70 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के कवरेज के लिए स्वास्थ्य एजेंसी को एबी-पीएमजेएवाई के नए दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने संबंधितों को एनएफएसए/एसईसीसी जैसे विभिन्न डेटाबेस के आधार पर आयुष्मान भारत गोल्ड कार्ड बनाने में दोहराव की जांच करने का भी निर्देश दिया, जहां से इस उद्देश्य के लिए डेटा प्राप्त किया जाता है। साथ ही उन्होंने निगरानी तंत्र की दक्षता बढ़ाने के निर्देश दिए, ताकि पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल द्वारा धोखाधड़ी की किसी भी संभावना को समाप्त किया जा सके। इस बैठक में अटल डुल्लू ने इस मुफ्त स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नए दावा उपयोग दिशा-निर्देश तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने उनसे सार्वजनिक अस्पतालों के लिए एक पोर्टल बनाने का आग्रह किया, जो इन स्वास्थ्य सुविधाओं द्वारा फंड ट्रांसफर और उसके बाद के उपयोग का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करेगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


इस नीति के आगामी चक्र के बारे में मुख्य सचिव ने यहां के परिवारों को कवर करने के लिए निविदाकर्ताओं द्वारा उद्धृत बीमा दरों की उचितता की जांच करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने डीजी कोड के तहत अन्य प्रासंगिक सदस्यों के साथ एक समिति गठित करने का भी निर्देश दिया, ताकि यह समीक्षा की जा सके कि जनता के समग्र लाभ के लिए प्रत्येक पैकेज को किस हद तक संशोधित करने की आवश्यकता है। पिछली नीति अवधि की समाप्ति की तिथि 14 मार्च, 2025 से आगे योजना को जारी रखने के लिए नई निविदाओं के आमंत्रण के संबंध में, मुख्य सचिव ने बोली दस्तावेज का हिस्सा होने वाले किसी भी संदिग्ध नियम/शर्तों के बिना दस्तावेज को स्पष्ट बनाने की सलाह दी। उन्होंने आगामी नीति अवधि के लिए इस योजना के सुचारू कार्यान्वयन के लिए इस प्रक्रिया की देखरेख के लिए वित्त और कानून विभागों के सदस्यों के साथ सचिव, एच एंड एम ई के तहत एक समिति बनाने के लिए कहा।
परिषद ने अपनी 8वीं शासी परिषद बैठक के दौरान दिए गए पिछले निर्देशों और अब तक की गई कार्रवाई पर भी ध्यान दिया। यह बताया गया कि निर्देशों को जमीनी स्तर पर लागू किया गया है। सदस्यों ने एसएचए के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के साथ-साथ पीएमजेएवाई-सेहत के क्रियान्वयन को बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव भी दिए।  इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव ने इस योजना के अब तक के प्रदर्शन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एसएचए वर्तमान में उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए एबी-पीएमजेएवाई/एबी-पीएमजेएवाई सेहत योजना को लागू कर रहा है। उन्होंने बैठक में बताया कि इस योजना के तहत किए गए धोखाधड़ी के दावों की गहन जांच के लिए एक तटस्थ धोखाधड़ी विरोधी अधिकारी को नियुक्त करने के अलावा 12 अतिरिक्त डॉक्टरों को तैनात करके धोखाधड़ी विरोधी इकाई को मजबूत किया गया है।
एबी-पीएमजेएवाई और पीएमजेएवाई-सेहत योजनाओं के प्रदर्शन के बारे में सीईओ एसएचए संजीव गडकर ने बैठक में बताया कि एसएचए को प्रस्तुत कुल 3,36,859 दावों में से 222.58 करोड़ रुपये के 1,22,839 दावों का भुगतान किया गया है और 3198 दावों को अधिकारियों ने आज तक खारिज कर दिया है। यह भी कहा गया कि निजी अस्पतालों के दावों को काफी हद तक मंजूरी दे दी गई है और अक्टूबर, 2024 तक किए गए सभी दावों की नवीनतम स्थिति स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा भुगतान की गई है।  इसके अलावा, पूरे जम्मू-कश्मीर में इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए निजी अस्पतालों द्वारा उठाए गए दावों के अलावा सभी उच्च-स्तरीय, आपातकालीन प्रक्रियाओं को एजेंसी द्वारा उचित प्राथमिकता दी जाती है।

   

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