मुख्य सचिव ने जम्मू-कश्मीर की आपदा तैयारियों की समीक्षा की

जम्मू। स्टेट समाचार
मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने जम्मू-कश्मीर में आपदा शमन हेतु किए गए उपायों का आकलन करने के लिए आपदा प्रबंधन, राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण विभाग की एक विस्तृत बैठक की। इस अवसर पर प्रमुख सचिव गृह और डीएमआरआर एंड आर, संभागीय आयुक्त, कश्मीर/जम्मू, राहत आयुक्त एवं अन्य संबंधित अधिकारी एवं विभाग के कर्मचारी भी षामिल हुए। अटल डुल्लू ने इस अवसर पर विभाग पर दबाव डाला कि वह केंद्रशासित प्रदेश की संवेदनशील विभिन्न आपदाओं के संबंध में कार्य योजना बनाने के लिए और तैयारी करे। उन्होंने उनसे इस वित्तीय वर्ष के अंत तक आपातकालीन संचालन केंद्र को कार्यात्मक बनाने का आग्रह किया क्योंकि आपदाओं के समय इसकी भूमिका बढ़ गई है। उन्होंने यहां विभिन्न पहाड़ी झीलों का दौरा करके ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड का अध्ययन करने के लिए किए गए अभियानों पर भी जोर दिया। उन्होंने राहत गतिविधियों के दौरान अपनी भूमिका निभाने की क्षमता बढ़ाने के लिए छात्रों और अन्य स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने का आह्वान किया। डीएमआरआर एंड आर के प्रधान सचिव, चंद्राकर भारती ने बैठक में आवश्यक जनशक्ति तैनात करके यूटी, मंडल और जिला स्तर के आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को मजबूत करने सहित विभिन्न गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2024-25 के लिए सभी 20 जिलों के डीडीएमपी को अपडेट कर दिया गया है। अन्य जोखिम विशिष्ट योजनाएँ जैसे हीट वेव एक्शन प्लान, बाढ़ प्रबंधन एक्शन प्लान तैयार किया गया है और शीत लहर एक्शन प्लान प्रक्रियाधीन भूस्खलन प्रबंधन योजना के विकास के साथ तैयार किया गया है। इसमें कहा गया कि एक ईओसी अस्थायी रूप से श्रीनगर में स्थापित किया गया है और इसका स्थायी परिसर ओमपुरा, बडगाम में बनाया जा रहा है।

इसके अलावा विभाग ने आपदा प्रतिक्रिया कॉल प्राप्त करने के लिए 112 के टोल फ्री नंबर के साथ आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली भी लॉन्च की है। विभाग की अन्य पहल और गतिविधियां जिन पर यहां चर्चा की गई, उनमें अलर्ट पैदा करने वाली एजेंसियों आईएमडी, सीडब्ल्यूसी, आईएनसीओआईएस, डीजीआरई, एफएसआई को एकीकृत करके कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल और टीएसपी, टीवी, रेडियो, केबल टीवी, सोशल मीडिया, भारतीय रेलवे, तटीय सायरन इत्यादि के माध्यम से आपदाओं के बारे में इन अलर्ट का प्रसार करना शामिल है। बैठक में बताया गया कि अब तक कुल 118 अलर्ट प्रसारित किए गए हैं। इससे पहले कश्मीर और जम्मू संभागों के विभिन्न श्रेणियों के प्रवासियों के कल्याण के लिए बनाई गई योजनाओं और लाभों के बारे में एक प्रस्तुति भी दी गई। कश्मीरी पंडित (पीएम पैकेज) कर्मचारियों के लिए 6000 ट्रांजिट आवास की स्थानवार स्थिति के साथ-साथ बाकी नामित पदों की भर्ती पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा यह भी पता चला कि इन प्रवासियों को वृद्धावस्था, विधवा पेंशन जैसे विभिन्न सामाजिक सुरक्षा लाभ देने के साथ-साथ पीएम किसान, आयुष्मान भारत और अन्य स्वरोजगार और कौशल अवसरों के तहत पात्र लोगों को षामिल करने के लिए एनएफएसए के तहत कवर किया जा रहा है। बैठक में पीओजेके और अन्य पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों को उनके लिए पुनर्वास पैकेज के तहत कवर करने के लिए किए गए जनपहंुच अभियानों पर हुई प्रगति पर भी ध्यान दिया गया। अन्य विकासात्मक गतिविधियाँ जैसे सुकेतर में ’पीओजेके भवन’ की स्थापना, जगती में सामुदायिक भवन और विस्थापित व्यक्तियों के लिए की गई अन्य राहत गतिविधियों का मुख्य सचिव द्वारा वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए मूल्यांकन किया गया।

   

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