हिसार:पशुपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाकर आगे बढ़ें : सज्जन सिहाग
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- Feb 21, 2025
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हिसार, 21 फरवरी (हि.स.)। लाला लाजपत राय पशु-चिकित्सा एवं पशु-विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजा शेखर वुंडरू के मार्गदर्शन में पशु पोषण विभाग में अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवाओं के लिए सात दिवसीय नि:शुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।संतुलित आहार एवं खनिज मिश्रण का पशुपालन में महत्व विषय पर आयोजित इस इस प्रशिक्षण में आए 20 प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि डा. सज्जन सिहाग ने उन्हें पशुपालन के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि अत्याधिक प्रतिर्स्पधा के कारण रोजगार के अवसर सीमित हैं, ऐसे में पशुपालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाकर आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक से लोगों का रूझान पशुपालन में लगातार बढ़ा हैं। अधिकतर पशुपालक खनिज मिश्रण नहीं खिला रहें। जिससे बांझपन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं व दूध उत्पादन आशा अनुरूप नहीं हैं। भारत देश पूरे विश्व में दूध उत्पादन में प्रथम स्थान पाने के बावजूद प्रति पशु उत्पादन में अन्य देशों से पीछे हैं।इस अवसर पर उन्होंने सभी पशुपालक प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे अपने पशुओं को प्रतिदिन 50 से 100 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य खिलायें। डा. सज्जन सिहाग ने आगे बताया कि लुवास का पशु पोषण विभाग पशुओं में विशिष्ट खनिजों की कमी के मद्देनजर उत्तम गुणवत्ता का खनिज मिश्रण तैयार कर किसानों को सस्ते दामों पर उपलब्ध करवा रहा हैं और जिससे किसान लाभान्वित हुए हैं। मोटे अनाज सभी प्रकार के जरूरी खाद्य पदार्थो का प्रचुर भंडार होते है तथा हमें स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं मिल्लेट्स सुपर फूड श्रेणी के अनाज हैं। हमें चाहिए कि हम इन मोटे अनाजों को अपने दैनिक खाद्य सामग्री का हिस्सा बनाएं जिससे की स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा और खपत भी बढ़ेगी तथा किसान को उसका उचित मूल्य भी मिल सकेगा। देश में पशुधन क्षेत्र लगभग 8 प्रतिशत आबादी को रोजगार प्रदान करता है। पशुधन कृषि हानि के दौरान किसानों के लिए सहायक आय का स्त्रोत है।प्रशिक्षण संयोजक डा. नैंसी श्योराण ने बताया कि प्रशिक्षनार्थियों का खनिज मिश्रण व संतुलित आहार बनाना, पशु खाद्य पदार्थ तैयार करना व पशु आहार के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी गई। उनको स्वरोजगार स्थापित करने के लिए बैंक से ऋण लेने संबंधी सुविधाओं से अवगत करवाया गया। अंत में मुख्य अतिथि ने सफल प्रशिक्षण पाने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये। इस मौके पर विभाग के अन्य वैज्ञानिक डॉ. ज्योत्सना ने भी प्रशिक्षनार्थियों को पशुपालन का व्यवसाय करने के लिए प्रेरित किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर