कृषि अनुसंधानों की जानकारी अपडेट रखने काे कौशल विकसित करना जरूरी : डॉ. विमलेश मान

एचएयू में एक माह से चल रहे इंडक्शन ट्रेनिंग कोर्स का समापन

हिसार, 19 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मानव संसाधन प्रबंधन निदेशालय की ओर से आयोजित किए गए एक माह के इंडक्शन ट्रेनिंग का शनिवार को समापन हुआ। समापन समारोह में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की अतिरिक्त महानिदेशक (शिक्षा योजना और गृह विज्ञान) डॉ. बिमलेश मान मुख्य अतिथि रही। प्रशिक्षण कार्यक्रम में नवनियुक्त वैज्ञानिको ने भाग लिया।

मुख्यातिथि डॉ. विमलेश मान ने कहा कि सीखना एक निरंतर प्रक्रिया है और कृषि क्षेत्र में हो रहे अनुसंधानों की जानकारी अपडेट रखने के लिए अपने कौशल को विकसित करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से रिसर्च पेपर पढक़र अनुसंधान एवं तकनीक की जानकारी को अपडेट रखा जा सकता है। शिक्षण संस्थानों के लिए योग्य और प्रतिस्पर्धी फैकल्टी का होना बहुत जरूरी है। किसी भी शिक्षण संस्थान को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाने में फैकल्टी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यदि हम एकाग्रता व कड़ी मेहनत से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी।

फैकल्टी सदस्यों को समय -समय पर अपनी विषय से संबंधित जानकारी को अपडेट करते रहने के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए कक्षा में अनुशासन अति आवश्यक है। शिक्षकों की भूमिका छात्रों के व्यक्तित्व विकास में अहम होती है इसलिए उन्हें अपना कार्य पूरी निष्ठा और लगन के साथ करना चाहिए।

मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक एवं कोर्स निर्देशक डॉ. रमेश यादव ने कार्यक्रम में सभी का स्वागत करते हुए बताया कि इंडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस प्रशिक्षण में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय के मिशन, दृष्टिकोण, लक्ष्य व संस्थान के माहौल से अपने आपको अनुकूल बनाना जैसे विषयों से अवगत कराया जाता है ताकि वे अपने कर्तव्यों का बेहतर तरीके से निर्वहन कर सकें। प्रशिक्षण कार्यक्रम की संयोजक डॉ. रेणु मुंजाल ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने से प्रतिभागियों में आत्मविश्वास और मनोबल की बढ़ोतरी होगी। मंच का संचालन जीव रसायन विभाग की अध्यक्ष डॉ. जयंती टोकस ने किया जबकि प्रशिक्षण कार्यक्रम के सह संयोजक डॉ अनुराग ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। प्रतिभागी डॉ. दीपक कुमार और डॉ. कनिका ने कार्यक्रम के दौरान अपने अनुभव के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, शिक्षक एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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