रामलीला के माध्यम से बच्चों को किया जा रहा है जागरूक सीनियर लेक्चरर युवाओं को जागरूक करने में जुटे

इन दिनों तमाम इलाकों में रामलीला का मंचन जारी है, और सैकड़ों की तादाद में लोग रामलीला का मंचन देखने के लिए एकत्रित हो रहे हैं। इस दौरान राम नाटक कला केंद्र में एंकर की भूमिका निभा रहे सरकारी कर्मचारी सीनियर लेक्चरर राकेश कुमार केसी, पिछले तीन दिनों से लगातार रामलीला के दौरान विद्यार्थियों को जागरूक कर रहे हैं। वे विभिन्न विषयों पर बच्चों को जानकारी दे रहे हैं, खासकर मोबाइल फोन के फायदे और नुकसान के बारे में। राकेश कुमार रोजाना बच्चों को बताते हैं कि मोबाइल गेम्स का घंटों तक खेलना मस्तिष्क और आंखों पर क्या प्रभाव डालता है। इसके अलावा, बच्चों को सुबह उठने के आदर्श नियम, माता-पिता का सम्मान कैसे करें और देश के अच्छे नागरिक कैसे बनें, इन सभी बातों की जानकारी रामलीला के माध्यम से दी जा रही है। पिछले तीन दिनों से राम नाटक कला केंद्र लखनपुर के मंचन में, राकेश कुमार केसी द्वारा लोगों, खासकर महिलाओं, को जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान दें। उन्हें यह बताया जा रहा है कि बच्चे स्कूल में क्या पढ़ते हैं, उनके दोस्त कौन हैं, और वे किन-किन लोगों के साथ खेलते हैं, इन सभी बातों का ध्यान रखना आजकल बेहद जरूरी है। साथ ही, अगर कोई बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है, तो परिवार को उस बच्चे को स्कूल में दाखिला करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सरकारी स्कूलों में मिलने वाली सुविधाओं जैसे मुफ्त किताबें, वर्दी, वजीफा, और मिड डे मील के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा, खेलो इंडिया और फिट इंडिया जैसी योजनाओं के माध्यम से खेलों को बढ़ावा देने की जानकारी दी जा रही है, ताकि इन योजनाओं का लाभ उठाया जा सके। राम नाटक कला केंद्र के अध्यक्ष नरेश कुमार नेता, महासचिव वृंदर शर्मा, विकास कश्यप, ओम प्रकाश डोगरा, और अजय कुमार कालू यूथ फाउंडेशन के अध्यक्ष सनी शर्मा ने सीनियर लेक्चरर राकेश कुमार के प्रयास को बेहद प्रशंसनीय कार्य बताया। उन्होंने कहा कि राकेश कुमार के विचार बहुत ही सराहनीय हैं और इस तरह रामलीला के मंचों का उपयोग करके लोगों को जागरूक किया जा सकता है। लखनपुर म्यूनिसिपल कमेटी के पूर्व प्रधान एडवोकेट सुशील गुप्ता, पूर्व प्रधान एडवोकेट राकेश शर्मा, पूर्व पार्षद दर्शन सिंह, दलीप टाक, सरदार सुरिंदर सिंह ने भी इस पहल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा और सराहनीय कदम है, और अन्य अध्यापकों को भी ऐसे कार्यक्रमों का उपयोग करके लोगों में जागरूकता फैलानी चाहिए।

   

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