महिलाओं को शक्तिशाली बनाने को चुनी साइकिलिंग : आशा मालवीय
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- Dec 25, 2024
-साढ़े 15 हजार किमी साइकिल चलाकर बबीना पहुंची महिला साइकिलिस्ट को थानाध्यक्ष ने किया सम्मानित
झांसी, 25 दिसंबर (हि.स.)। कन्याकुमारी से सियाचिन होते हुए करीब साढ़े पंद्रह हजार किलोमीटर साइकिल चलाकर युवा महिला साइक्लिस्ट आशा मालवीय मंगलवार को बबीना पहुंचीं। यहां पहुंचकर उन्होंने थानाध्यक्ष सुशील कुमार द्विवेदी से मुलाकात की। थानाध्यक्ष ने भी उनका हौसला बढ़ाया। आशा ने बताया कि महिलाओं को शक्तिशाली बनाने को साइकिलिंग चुनी है।
आशा मालवीय ने बताया कि कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती पर उन्होंने कन्याकुमारी से सियाचिन के बीच यात्रा शुरू की। 26 जुलाई 2024 को वह कारगिल पहुंचीं। यहां शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके बाद 15 अगस्त को सियाचिन पहुंचीं। यहां से 6 सितंबर को दुनिया के सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित मोटरेबल रोड पहुंची। यहां से होते हुए वह झांसी होते हुए बबीना आईं है।
मूल रूप से मध्य प्रदेश के ग्राम नाटाराम जिला राजगढ़ की निवासी आशा मालवीय के मुताबिक वह साढे पंद्रह हजार किलोमीटर साइकिल चलाकर यहां पहुंची हैं। उनका कहना है कि महिलाओं को शक्तिशाली बनाने के लिए वह साइक्लिस्ट बनीं। वह प्रतिदिन डेढ़ सौ किलो मीटर लगभग साइकिल चलाती हैं। उन्हें इस यात्रा में सभी का सहयोग निरंतर प्राप्त हो रहा है। बबीना थाने पहुंचने पर थानाध्यक्ष सुशील कुमार द्विवेदी, कांस्टेबल अमित तिवारी समेत पूरे स्टॉफ से मिलीं। महिला कांस्टेबल रीना, अंजलि, नेहा, एवं पुलिस स्टाफ द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया