कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से कोयला उत्पादन 32.53 फीसदी बढ़कर 167.36 मिलियन टन हुआ

नई दिल्ली, 05 मार्च (हि.स.)। देश में कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से कोयला उत्पादन में उल्‍लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में कुल कोयला उत्पादन फरवरी तक 167.36 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच गया है। यह 28 फरवरी, 2024 तक सालाना आधार पर उत्पादित 126.28 मिलियन टन कोयला की तुलना में 32.53 फीसदी की वृद्धि है।

कोयला मंत्रालय के मुताबिक ने बुधवार को जारी एक बयान में बताया कि कोयला डिस्पैच में तेज वृद्धि देखी गई है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 170.66 मिलियन टन हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 128.45 मिलियन टन था, जो सालाना आधार पर 32.86 फीसदी की वृद्धि को दिखाता है। इससे बिजली, स्टील और सीमेंट जैसे प्रमुख क्षेत्रों को स्थिर और निर्बाध कोयला की आपूर्ति सुनिश्चित होती है।

मंत्रालय ने कहा कि मेसर्स प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड की भास्करपारा कोयला खदान ने 15 फरवरी, 2025 को 15 मिलियन टन की अधिकतम रेटेड क्षमता (पीआरसी) के साथ कोयला का उत्पादन शुरू किया है। कोयला मंत्रालय के मुताबिक खनन क्षेत्र में अधिक निवेश और बेहतर प्रौद्योगिकी को आकर्षित करने के लिए आर्थिक सुधार प्रक्रिया के एक भाग के रूप में कमर्शियल खदानों की शुरुआत की गई थी।

कोयला मंत्रालय ने कहा कि मंत्रालय भविष्य को देखते हुए एक स्थायी और कुशल कोयला क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो राष्ट्रीय विकास और प्रगति में योगदान देता है, जिसका उद्देश्य 2047 तक एक विकसित भारत की स्थापना करना है। कोयला क्षेत्र ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करके सतत विकास को बढ़ावा देकर और आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाकर इस लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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