छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में एसीबी-ईओडब्ल्यू के विशेष जांच दल ने किया पूरक चालान पेश

रायपुर, 10 अक्टूबर (हि.स.)।छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले में एसीबी-ईओडब्ल्यू के विशेष जांच दल ने आज (गुरुवार) को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में दो आरोपितों मनीष उपाध्याय और रजनीकांत तिवारी के खिलाफ पूरक चालान पेश किया। इस चालान में 2000 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट, 25 पन्नों की सारांश और एक पेन ड्राइव शामिल है। मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।चालान में जानकारी दी गई है कि मनीष और रजनीकांत कोयला घोटाले के सिंडिकेट का हिस्सा थे और अवैध वसूली के पैसे को इकट्ठा कर अन्य सदस्यों तक पहुंचाते थे। उल्लेखनीय हैं कि 550 करोड़ के कोल लेवी वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई दिसंबर 2022 से विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में चल रहा है।

आरोपित मनीष उपाध्याय और रजनीकांत तिवारी के खिलाफ अवैध कोल लेवी वसूली के आरोप में धारा 120B, 384, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7A, 12 के तहत कार्रवाई की गई है। फिलहाल रजनीकांत तिवारी, सूर्यकांत तिवारी का बड़ा भाई है, जो पहले से जेल में बंद है।चालान में जानकारी दी है कि मनीष और रजनीकांत कोयला घोटाले के सिंडिकेट का हिस्सा थे और अवैध वसूली के पैसे को इकट्ठा कर अन्य सदस्यों तक पहुंचाते थे। जांच के दौरान, टीम को कोल घोटाले से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं। अवैध कमाई का निवेश चल और अचल संपत्तियों में किया गया है, और दोनों आरोपित के अन्य घोटालेबाजों से गहरे संबंध पाए गए हैं।

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी में 570 करोड़ रुपये की अवैध कोल लेवी वसूली का खुलासा हुआ था।प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी कर कोल परिवहन में ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन कर दिया था, जिससे व्यापारियों से वसूली की जा सके।वहीं इस घोटाले का मास्टरमाइंड कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक सूर्यकांत तिवारी ने 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम वसूलने के लिए एक सिंडिकेट बनाया था। व्यापारियों से अवैध रकम वसूलने के बाद ही उन्हें खनिज विभाग से पीट पास और परिवहन पास जारी किए जाते थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा

   

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