दून मेडिकल कॉलेज में बिना चीरे के हुई दो माह के शिशु की हृदय सर्जरी, सफल इलाज से जीवनदान
- Admin Admin
- Jun 16, 2025

देहरादून, 16 जून (हि.स.)। देहरादून स्थित राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सा विज्ञान ने एक और अद्भुत उपलब्धि हासिल की है। यहां सिर्फ दो माह के एक नवजात शिशु की जटिल हृदय सर्जरी को बिना किसी चीरे के सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
हरबर्टपुर निवासी उस्मान एक माह पूर्व अपने नवजात बेटे को लेकर देहरादून आए थे, जब बच्चे की सांस तेज चलने और अस्वस्थता के लक्षण दिखे। ताे उन्हाेंने बच्चे की जांच कराई, जिसमें निमोनिया की पुष्टि हुई और इस जांच के साथ ही डॉक्टरों ने हृदय की जांच कराने की सलाह दी। ईको जांच में यह सामने आया कि बच्चे के दिल में एक छेद है और साथ ही ऑर्टिक वाल्व में गंभीर संकुचन भी है। इस जटिल स्थिति को चिकित्सा भाषा में पीडीए के साथ गंभीर महाधमनी स्टेनोसिस (पेटेंट डक्टस आर्टेरियोसस) कहा जाता है।
बच्चे को दून अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी में लाया गया, जहां प्रारंभिक जांच के बाद चकित्सकों ने सर्जरी की आवश्यकता बताई, लेकिन पहले निमोनिया का इलाज करना जरूरी समझा गया। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.तन्वी सिंह की निगरानी में बच्चे का इलाज हुआ। कई दिनों तक प्रयास के बावजूद जब बच्चा ऑक्सीजन सपोर्ट से मुक्त नहीं हो पाया, तब सर्जरी का निर्णय लिया गया। करीब एक घंटे चली इस सर्जरी में बिना चीरा लगाए बालून तकनीक की मदद से बच्चे के सिकुड़े हुए वाल्व को खोला गया।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.अमर उपाध्याय ने बताया कि बच्चे के दिल में दो जन्मजात समस्याएं थीं, जिनमें से एक समस्या दूसरी को और जटिल बना रही थी। उन्होंने बताया कि पहले हार्ट के विभिन्न चैंबरों से ब्लड सैंपल लेकर स्थिति को समझा गया, और फिर सावधानीपूर्वक बालून ऑर्टिक वाल्वोटॉमी की गई। डॉ. उपाध्याय ने खुशी के साथ बताया कि ऑपरेशन सफल रहा, बच्चा अब स्वस्थ है और कल उसे डिस्चार्ज किया जाएगा।
इस जटिल प्रक्रिया को अंजाम देने वाली टीम में डॉ.ऋचा, डॉ. साई जीत, डॉ. अस्मिता, डॉ. शोएब और डॉ. अल्फिशा जैसे युवा चिकित्सकों के अलावा एनेस्थीसिया विभाग के प्रोफेसर डॉ. अतुल सिंह ने भी महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार