प्रतियोगिता जीतना मायने नहीं रखता, नई चीजें सीखना महत्वपूर्ण : आनंदीबेन पटेल
- Admin Admin
- Jan 22, 2025
लखनऊ, 22 जनवरी (हि.स.)। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 148वीं जयंती एवं राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में राजभवन में आयोजित दो दिवसीय प्रतियोगिता का बुधवार को समापन हुआ। इस प्रतियोगिता में राज्य विश्वविद्यालयों एवं उनसे संबद्ध महाविद्यालयों के कुल 90 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतियोगिता में निबंध लेखन, कविता लेखन, भाषण, एक-पात्रीय नाट्य, कविता पाठ और देशभक्ति गीत जैसी विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का बेहतरीन प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि प्रतियोगिता में जीतना मायने नहीं रखता, बल्कि इसमें प्रतिभाग करना और नई चीजें सीखना अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों के ज्ञान और रचनात्मकता को बढ़ाने का माध्यम बनती हैं। प्रतियोगिताओं में भाग लेकर विद्यार्थियों ने एक-दूसरे को देखा, सुना और समझा, जो उनके व्यक्तित्व विकास के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को प्रकृति के हर रूप को समझने और उसे अपने लेखन में व्यक्त करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि प्रकृति के हर पहलू से हमें सीखने और लिखने के लिए प्रेरणा मिलती है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया कि वे अपने लेखन में हमेशा नवीनता लाने का प्रयास करें। राज्यपाल ने कहा कि केवल पाठ्यपुस्तकों को पढ़ने से पांडित्य ज्ञान तो प्राप्त होता है, लेकिन ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने से व्यावहारिक और सृजनात्मक ज्ञान की वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि राजभवन में भी विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित होती हैं, जिनमें राजभवन में रहने वाले बच्चे और अधिकारी-कर्मचारी भाग लेकर अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाते हैं।
राज्यपाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में संरक्षित हजारों वर्षों पुरानी पांडुलिपियों का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों को इन पर शोध करने और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को समझने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आपका विश्वविद्यालय सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र है। इन पांडुलिपियों का अध्ययन करके न केवल आपके ज्ञान में वृद्धि होगी, बल्कि आप देश की सांस्कृतिक धरोहर को समझने में भी सक्षम होंगे।राज्यपाल ने कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा लिखित और प्रस्तुत की गई कविताओं, भाषणों, निबंधों, और अन्य रचनात्मक अभिव्यक्तियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये कृतियां न केवल उनकी रचनात्मकता को प्रदर्शित करती हैं, बल्कि उनमें छिपी गहरी देशभक्ति और सामाजिक संवेदनाओं को भी उजागर करती हैं। राज्यपाल ने इन प्रस्तुतियों को संरक्षित करने के उद्देश्य से एक पुस्तक का निर्माण करने का निर्देश दिया। राज्यपाल ने सभी प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियां युवा पीढ़ी को सशक्त और प्रबुद्ध बनाने में सहायक होती हैं। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल, डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे ने कहा कि बच्चों की प्रस्तुतियों ने राजभवन में नई ऊर्जा और उमंग का संचार कर दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय