बाबा विश्वनाथ के झूला श्रृंगार में परम्परा पर विराम लगने से कांग्रेस नाराज, सरकार पर साधा निशाना

—महानगर अध्यक्ष का आरोप, धर्म के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा ही असली सनातन विरोधी

वाराणसी, 19 अगस्त (हि.स.)। सावन माह के आखिरी सोमवार की शाम श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का झूला श्रृंगार मंदिर न्यास के खुद के चल प्रतिमा से होगा। मंदिर के पूर्व महंत परिवार ​के आवास से मंदिर परिसर तक आने वाली पंचबदन रजत चल प्रतिमा को गर्भगृह में नही लाया जाएगा। मंदिर न्यास के इस निर्णय पर कांग्रेस ने सीधे भाजपा सरकार पर हमला बोला है।

सोमवार को कांग्रेस के स्थानीय महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने आरोप लगाया कि शासन के इशारे पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में 358 वर्ष की प्राचीन परंपरा पर मंदिर न्यास प्रशासन ने विराम लगा दिया है, जो ग़लत है। महंत आवास से मंदिर परिसर तक वर्षों से जाने वाली पंचबदन चल रजत प्रतिमा इस बार झूला श्रृंगार के लिए नहीं जाएगी।

मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी के निधन के बाद अनवरत चली आ रही परंपरा को परिवार की चौथी पीढ़ी नहीं निभा सकेगी। मंदिर के वर्षों पुराने इतिहास में यह पहली बार होगा जब महंत आवास पर झूलनोत्सव में शामिल प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में नहीं रखी जाएगी। राघवेंद्र चौबे ने कहा कि भाजपा सनातन विरोधी है। वह काशी की सभ्यता, संस्कृति व बनारसीपन को ख़त्म करने पर उतर गई है। काशी पौराणिक शहर है यहां की पुरानी परंपरा काशी के महत्व की पूरक है। भाजपा इसी पुरानी परंपरा को लगातार ख़त्म कर रही है । धर्म के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा असली सनातन विरोधी है ।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / राजेश

   

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