हिसार : संविधान व दलित-पिछड़ों के अधिकारों को खत्म करना चाह रही भाजपा : राहुल गांधी

रैली में सभी कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ राहुल गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा व अन्य नेता।

जाति जनगणना करवाकर दलित-पिछड़ों व गरीब सामान्य वर्ग को उनका हक दिलवाएगी कांग्रेस

राहुल गांधी की रैली के मंच से पूर्व सांसद सुरेंद्र सिंह बरवाला कांग्रेस में हुए शामिल

राहुल ने किया दावा : हरियाणा में क्लीन स्वीप करने जा रही कांग्रेस

हिसार, 26 सितंबर (हि.स.)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि भाजपा के साथ कांग्रेस की सिर्फ चुनावी नहीं बल्कि संविधान और देश बचाने की लड़ाई है। भाजपा सीधे-सीधे गरीबों व पिछड़ों की रक्षा करने वाले संविधान और आरक्षण पर हमला कर रही है, उसे मिटाने की कोशिश कर रही है।

राहुल गांधी गुरुवार को जिले के कस्बा बरवाला में कांग्रेस की विजय संकल्प रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में कांग्रेस की आंधी चल रही है और हम भाजपा को क्लीन स्वीप करने जा रहे हैं। रैली में हिसार के पूर्व सांसद सुरेंद्र सिंह बरवाला ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की। राहुल गांधी ने उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने सारी संस्थाओं को आरएसएस के लोगों और बड़े उद्योगपतियों के हवाले कर दिया है। आज देश की 90 प्रतिशत आबादी यानी दलित, पिछड़े व गरीबों को कुछ नहीं मिल रहा है। सरकार को चलाने वाले शक्तिशाली पदों पर ना कोई दलित मिलेगा, ना ओबीसी और ना ही कोई आदिवासी। उन्होंने हरियाणा की जनता से कांग्रेस को वोट देने की अपील की और बड़ी जीत का दावा किया।

राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा इलेक्शन कमीशन, ब्यूरोक्रेसी, मीडिया और इंटेलिजेंट सर्विसेज में अपने लोगों को भर्ती कर देश को खोखला कर रही है। उन्होंने रैली में हरियाणा के दर्द की नब्ज पकड़ते हुए 29 मिनट में बेरोजगारी, देश से पलायन, किसान, जवान, पहलवान, अग्निवीर और छोटे व्यापारियों के मुद्दों को उठाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा जात-पात का जहर घोलने वालों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेगा और सबकी इज्जत करने वाली व सबके हिस्सेदारी वाली सरकार बनेगी।

राहुल गांधी ने कहा कि मोदी को केवल अपने दोस्त अदानी, अंबानी जैसे बड़े उद्योगपति ही दिखाई देते हैं। देश की 90 फीसदी आबादी उन्हें दिखाई नहीं देती। देश की बड़ी 250 कंपनियों की मैनेजमेंट और मालिकों में से कोई भी दलित नहीं है। देश की सरकार चलाने वाले 90 सचिवों में से केवल 3 दलित और 3 ओबीसी हैं। इसलिए सबसे बड़ी आबादी को बजट में भी मामूली हिस्सा मिलता है। कांग्रेस चाहती है कि देश में जातिगत जनगणना हो ताकि पता चले कितने दलित हैं, कितने ओबीसी, कितने आदिवासी और कितने सामान्य वर्ग के गरीब हैं। लेकिन भाजपा जातिगत जनगणना करवाना नहीं चाहती क्योंकि वो 90 फीसदी आबादी को अधिकार देने के हक में नहीं है लेकिन कांग्रेस लोकसभा में जाति जनगणना बिल को पास करवाकर रहेगी और देश की बड़ी आबादी को उसका हक दिलवाकर रहेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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