
कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने मेयर के पति की नियुक्ति को म्युनिसिपल एक्ट के खिलाफ बताया
मेयर पत्नी के पति को सलाहकार नियुक्त करना भाजपा के परिवारवाद के खिलाफ दिए गए बयानों की पोल खोलता है : पर्ल चौधरी
गुरुग्राम, 24 अप्रैल (हि.स.)। गुरुग्राम में मेयर पत्नी के सलाहकार बने पति को लेकर रार बढ़ गई है। इस नियुक्ति को लेकर गुरुवार को कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने भाजपा पर निशाना साधा है। पर्ल चौधरी ने इस नियुक्ति को संविधान की मूल आत्मा के साथ खिलवाड़ और आरक्षण के मूल उद्देश्य के खिलाफ बताया। पर्ल चौधरी का कहना है कि मेयर पत्नी के पति को सलाहकार नियुक्त करना भाजपा के परिवारवाद के खिलाफ दिए गए बयानों की पोल खोलता है।
बता दें कि नगर निगम आयुक्त अशोक गर्ग ने नवनियुक्त मेयर राजरानी मल्होत्रा के पति एवं पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष तिलकराज मल्होत्रा को अधिकारिक रूप से मेयर का सलाहकार नियुक्त किया है। नगर निगम की ओर से इस बाबत अधिकारिक पत्र भी जारी किया गया है। पत्र में साफ कहा गया है कि तिलकराज मल्होत्रा मेयर राजरानी का सहयोग करेंगे। हालांकि उनका पद पूरी तरह मानद होगा और वे नगर निगम से किसी भी तरह का लाभ नहीं ले सकेंगे।
पर्ल चौधरी ने कहा कि म्युनिसिपल एक्ट के हिसाब से ब्लड रिलेशन का ऐसे पदों पर नियुक्त करने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं को आरक्षण दिया हुआ है। अगर पति ही सदन चलाएंगे तो महिलाओं को आरक्षण देने का मतलब क्या रहा। उन्होंने कहा कि ऐसे में तो महिला पार्षदों के पति भी उनके सलाहकार बनेंगे।
विपक्ष के पार्षदों ने भी राजतिलक मल्होत्रा की नियुक्ति पर तंज कसा है। उनका कहना है कि मेयर के पति को सलाहकार नियुक्त करके गुरुग्राम नगर निगम कमिश्नर से म्युनिसिपल एक्ट का मजाक उड़ाया है। विपक्ष के पार्षदों ने तंज कसते हुए कहा कि मेयर के पीए तो नियुक्त होते देखे हैं, लेकिन मेयर के पति को ही सलाहकार नियुक्त कर दिया गया ऐसा पहली बार देखा है।
इस रार के बीच मेयर राजरानी मल्होत्रा के पति तिलकराज मल्होत्रा ने कहा कि वे इस पद स्वेच्छा से काम कर रहे हैं ना कि कोई वित्तीय लाभ ले रहे हैं। श्री मल्होत्रा का कहना है कि गुरुग्राम की मेयर राजरानी मल्होत्रा गुरुग्राम में तेजी से विकास कार्य कराने के लिए गंभीर हैं ऐसे में वे सिर्फ मेयर का सहयोग करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर