पोरबंदर, 02 फरवरी (हि.स.)। बर्ड कंजर्वेशन सोसायटी गुजरात (बीसीएसजी) की ओर से पोरबंदर जिले में वेटलैंड के पक्षियों की गिनती शुरू की गई है। सौराष्ट्र केमिकल्स और वन विभाग के सहयोग से यह कार्य किया जा रहा है। इस साल देश भर के 85 पक्षीविद पोरबंदर आए हैं। पोरबंदर के वेटलैंड के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्व में पक्षियों की गिनती मील का पत्थर साबित होगा। एक वेटलैंड में दो-दो बार पक्षियों की गिनती की जाएगी।
सुरखाब नगरी पोरबंदर में 23 वेटलैंड हैं। पक्षियों की गिनती का महत्व अंतराष्ट्रीय स्तर पर रहता है। पोरबंदर का पक्षी अभ्यारण्य एक कंजर्वेटिव वेटलैंड है। पक्षियों की गिनती का कई मायनों में महत्व है। वेटलैंड के पक्षियों की संख्या की यदि जानकारी नहीं होगी तो वहां कचरा डंप किया जा सकता है या इस क्षेत्र में अतिक्रमण समेत निर्माण कार्य भी संभव है। यही वजह है कि वेटलैंड को बचाने के लिए पक्षियों का डाटा होना जरूरी है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जहां 20 हजार से अधिक पक्षियों के होने की जानकारी मिलती है, वहां का महत्व बढ़ जाता है। इस मापदण्ड के लिए पक्षियों की गिनती एक अहम साक्ष्य का काम करती है। पक्षियों की गिनती से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो पक्षी लुप्त होने की कगार पर हैं उनकी मौजूदगी के संबंध में भी इसके जरिए जानकारी मिलती है। महत्वपूर्ण बात
ये है कि पोरबंद में 7 ऐसे वेटलैंड हैं जहां 20 हजार से अधिक पक्षी गिने जा चुके हैं। इसके अलावा पोरबंदर के 23 वेटलैंड में 17 वेटलैंड रामसर और की बायोडायवर्सिटी एरिया के विभिन्न मापदंड वाले हैं।
पोरबंदर जिले में बर्ड कंजर्वेशन सोसायटी गुजरात की ओर से पक्षियाें की गिनती शुरू की गई है। इस अवसर पर गोवा, पश्चिम बंगाल समेत गुजरात के कुल 85 पक्षीविद यहां के
19 वेटलैंड में पक्षी गिनती के लिए जुट गए हैं।
मोकर सागर कमेटी के डॉ धवल वारगिया के अनुसार दो बार पक्षियों की गिनती की जाएगी। उनके मुताबिक पक्षियों की गिनती एक-एक कर की जाती है। लेकिन, जब पक्षियों की संख्या बहुत अधिक होती है तो ब्लॉक की काउंटिंग की जाती है। यानी एक ब्लॉक में कितने पक्षी हैं, उस क्षेत्रफल के अनुसार पूरी आबादी की गिनती की जाती है। पक्षियों की गिनती करने वालों को ई-बर्ड एप का प्रशिक्षण दिया जाता है। वाहन की व्यवस्था के साथ ही दूरबीन दिया जाता है। इसके अलावा स्पोटिंग स्कॉप भी दिया जाता है, जिससे गिनती में सहूलियत हो सके। मुख्य वन संरक्षक उदय वोरा के अनुसार कैमरा में फोटाे खींच कर जूम करके भी गिनती होती है।
पोरबंदर पक्षी गणना 2024 के दौरान जिले में स्थित वेटलैंड्स में करीब 10 लाख पक्षियों की गिनती की गई थी। जिले के आठ प्रमुख वेटलैंड्स में 223 प्रजातियों के 9.69 लाख पक्षियों की गिनती की गई। गुजरात बर्ड कंजर्वेशन सोसाइटी (बीसीएसजी) के जारी आंकड़ों से पता चलता है कि पक्षियों की कुल संख्या में 131 प्रजातियों के 9.59 लाख जलीय पक्षी और स्थलीय प्रजातियों के लगभग 10,000 पक्षी शामिल हैं। पोरबंदर जिले के 23 वेटलैंड में अमीपुर, बरडा सागर, भादरबारा, छत्रावा, छाया, फोदाडा, गेरेज, जावर, जन्नत बीच, सुभाषनगर, कालिंद्री, खंबाला, कुछड़ी, लांबा, मेंढाक्रीक, मोकर सागर, नवीबंदर, ओडदर समुद्रतट, पक्षी अभयारण्य, राणासर, सोरठी, विसावाड़ा आदि शामिल हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय