हिसार : मात्र 420 ग्राम के बच्चे को बचाकर चिकित्सकों ने किया कमाल

420 ग्राम के बच्चे को बचाने का पूरे उत्तर भारत में पहला मामला

हिसार, 14 सितंबर (हि.स.)। लगभग 31 वर्षीय महिला की शादी के 9 वर्ष बाद उसने तीसरी संतान को पांच माह में जन्म दिया, जिसका वजन मात्र 420 ग्राम था। इस बच्चे के बचने की उम्मीद को लेकर परिजन उसे मुस्कान शिशु सेंटर लेकर आए। इससे पूर्व भी महिला के दो बच्चे 700, 800 ग्राम के पैदा हुए थे जो बच नहीं पाए।

मुस्कान शिशु सेंटर के शिशु रोग विशेष डॉ. भरत कंसल ने शनिवार को बताया कि हमने अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धति व उपकरणों से कड़ी मशक्कत के बाद उसका जीवन बचाया। बच्चे की स्थिति को देखते हुए यह केस बहुत ही सीरियस था जिसमें अतिरिक्त प्रयासों की जरूरत थी। हमने बच्चे को बचाने के लिए हर स्तर पर कार्य किया। उसे 22 दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया और 34 दिन तक सीपीएपी पर। इस दौरान बच्चे को अनेक कठिनाइयों से गुजरना पड़ा जिसमें दूध ना पचना, संक्रमण होना, सांस भूलना व आरओपी इन सभी से लड़ता हुआ बच्चा 1800 ग्राम के वजन के साथ स्वस्थ होकर अपने घर गया। डॉ. भरत कंसल ने बताया कि हमने 6 वर्ष पूर्व एडवांस नवजात शिशु सैंटर (निकू) शुरू किया था इस दौरान 300 से अधिक 1 कि.ग्रा. से कम बच्चों को बचाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मुस्कान शिशु सैंटर आज पूरे क्षेत्र में बच्चों के स्पेशिलिटी अस्पताल के रूप में विख्यात है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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