
पिथौरागढ़, 24 जून (हि.स.)। नगर के जिला अस्पताल में अपने आंखों की जांच के लिए सुबह से ही मरीजों की भीड़ लगी रही। सुबह आठ बजे से ही मरीज यहां अपने नंबर का इंतजार करने लग जाते हैं। ऐसे में नेत्र रोग विशेषज्ञ बारी-बारी से सभी मरीजों की जांच कर उन्हें उचित सलाह देते हैं। इस दौरान नेत्र विभाग के अन्य कर्मचारी भी मौजूद रहे।
इस संबंध में जानकारों का कहना है कि बारिश के दिनों में आंखों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी हो जाता है। क्योंकि नमी की वजह से आंखों में इंफेक्शन होता है। ऐसी स्थिति में अपनी आंखों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। वहीं लापरवाही बरतने पर लोगों को आंखों से संबंधित कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बरसात के दौरान आंखों में दो तरह की समस्याएं ज्यादातर दिखाई देती हैं, जिसमें एलर्जी और रिएक्शन प्रमुख हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञों के मुताबिक, बारिश के दिनों में आंखों में कुछ विशेष तरह का प्रभाव देखने को मिलते हैं। इसमें दो तरीके का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलते हैं। पहला इंफेक्शन बढ़ना, कंजेक्टिवाइटिस जिसे सामान्य भाषा में आंख आना बोला जाता है। कंजेक्टिवाइटिस होने पर आंखों का लाल होने लबती हैं, इनमें कीचड़ आने के अलावा ये चिपचिपी होने लगती है। बारिश के दिनों में दूसरा प्रभाव आंखों पर एलर्जी का होता है। एलर्जी की वजह से आंखों में गड़न-चुभन महसूस होने और आंसू आने लगते हैं।
बचाने के उपाय : नेत्र रोग विशेषज्ञों के अनुसार बारिश के दिनों में वातावरण में नमी बढ़ने की वजह से आंखों में समस्या होती है। हम हाथों से कई बार अपनी आंखों को छूने लग जाते हैं, जिससे समस्या हो सकती है। ऐसे में लगातार अपने हाथों की सफाई करते रहें। दिन में तीन से चार बार पीने के पानी से आंख को धोना चाहिए। आंखों में खुजली होने पर उसे उंगलियों से रगड़ना नहीं चाहिए।
आंखों में अगर इस तरह की परेशानी हो तो सीधे नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए, ताकि आंखों में होने वाली परेशानी से बचा जा सके। आंखों में इन्फेक्शन और एलर्जी होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह लेकर आंखों में दवाई डाली जा सकती है।
हिन्दुस्थान समाचार / DEEPESH TIWARI