बसंती में नदी का तटबंध टूटने से इलाके में दहशत

बासंती (दक्षिण 24 परगना), 02 मार्च (हि. स.)। भारी बारिश के कारण बासंती प्रखंड के पुरंदर गांव में नदी का तटबंध टूटने से शनिवार दोपहर करीबन तीन सौ फुट दरार बन गया। इसकी वजह से रविवार सुबह इस विशाल क्षेत्र में भूस्खलन हुआ। बांध के किनारे लगे बड़े पेड़ भी नदी में डूब गये।

ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में बार-बार बांध टूटने की घटना के बावजूद बांध की मरम्मत के लिए कोई पहल नहीं की गई है। कंक्रीट बांध की बार-बार मांग के बावजूद, बांध कभी नहीं बनाया गया। अंततः बांध की मरम्मत शुरू की गई। उन्हें डर है कि यह बांध किसी भी दिन टूट जाएगा और बासंती प्रखंड का बड़ा इलाका जलमग्न हो जाएगा। स्थानीय लोग इस बात से भयभीत हैं कि पूर्णिमा और अमावस्या के दौरान बांध टूट रहे हैं। बरसात या चक्रवात के मौसम में इससे भी अधिक क्षति हो सकती है।

इस बारे में स्थानीय निवासी इदरीश लस्कर और मौसमी हलदर ने कहा कि हम बांध की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। जिस तरह से बांध टूटा है, उसे देखते हुए यदि बांध की शीघ्र और मजबूती से मरम्मत नहीं की गई तो निकट भविष्य में इस क्षेत्र में बड़ा कटाव होगा। यदि बांध टूट गया तो एक के बाद एक गांव खारे पानी से भर जाएगा।

स्थानीय निवासी शांति सिकदर और निताई दलुइरा ने कहा कि बांध का लंबे समय से रखरखाव नहीं किया गया है। परिणामस्वरूप बांध की स्थिति बहुत खराब है। यही कारण है कि अमावस्या और पूर्णिमा के दौरान जब नदी का जल स्तर बढ़ जाता है तो इस तरह के भूस्खलन होते हैं। कुछ स्थानों पर बांध टूट रहे हैं और पानी गांवों में घुस रहा है। हम इस बात से भयभीत हैं कि मानसून या चक्रवात के मौसम में क्या होगा।

इधर,

बासंती के विधायक श्यामल मंडल ने कहा कि क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत का काम तेजी से शुरू हो गया है। यह घटना दोबारा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सिंचाई विभाग को सूचित कर दिया गया है। जहां भी नदी के तटबंध कमजोर हैं, उनकी मरम्मत के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / गंगा

   

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