
- महिला
सशक्तिकरण और जनकल्याणकारी योजनाओं की पहुंच बढ़ाने पर ज़ोर
- मुरथल
खंड की महिला सरपंचों को किया गया जागरूक, ईमानदारी से करें गांव का समग्र विकास: एडीपीएम
सतीश
सोनीपत, 6 मई (हि.स.)। विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा मंगलवार को लघु सचिवालय, सोनीपत
स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में मुरथल खंड के महिला व पुरुष सरपंचों के लिए एक रिफ्रेशर कम
जनरल ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महिला नेतृत्व
को विशेष रूप से केंद्र में रखते हुए उन्हें योजनाओं की जानकारी देकर सशक्त करने पर
ज़ोर दिया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एडीपीएम सतीश खोखर ने कहा कि
गांवों का विकास तभी संभव है जब सरपंच पूरी ईमानदारी और निष्ठा से योजनाबद्ध तरीके
से कार्य करें। उन्होंने कहा कि महिला सरपंचों की भूमिका न केवल योजनाओं को ज़मीन तक
पहुंचाने में महत्वपूर्ण है, बल्कि वे गांव की महिलाओं को जागरूक कर उन्हें आत्मनिर्भर
बनाने में भी अग्रणी भूमिका निभा सकती हैं।
कार्यक्रम में वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी अंशु जैन ने महिला
सरपंचों को केंद्र सरकार की महिला कल्याण योजनाओं एवं महिला अधिकारों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि हिंसा, उत्पीड़न या अन्य किसी भी संकट की स्थिति में महिलाएं वन
स्टॉप सेंटर की सेवाओं का लाभ ले सकती हैं। उन्होंने महिला जनप्रतिनिधियों से आग्रह
किया कि वे गांव की महिलाओं को इन सेवाओं और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करें।
इस मौके पर डीपीएम अजय ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
(एनआरएलएम) की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस मिशन का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों,
विशेष रूप से महिलाओं को सशक्त बनाकर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने
महिला सरपंचों से अपील की कि वे अपने गांवों में महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन
कर इस मिशन से जुड़ें और अन्य महिलाओं को भी जोड़ें।
खोखर ने कहा कि सरपंच गांवों को स्वच्छ और सुंदर बनाने
में अहम भूमिका निभाएं। महिलाओं की भागीदारी से स्वच्छता अभियान को और प्रभावी बनाया
जा सकता है। उन्होंने ग्राम स्तर पर सामाजिक समरसता, शिक्षा और स्वास्थ्य की दिशा में
भी सक्रिय पहल की आवश्यकता बताई।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना