जिला कारागार में अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में निरुद्ध कैदी की मौत

बेटे ने लगाया उपचार में लापरवाही का आरोप

झांसी, 3 जनवरी (हि.स.)। पत्नी के मर्डर के आरोप में जेल में बंद पति की शुक्रवार सुबह मौत हो गई। करीब दो माह पहले उसको लकवा मार गया था। तब से उनकी हालत गंभीर बनी थी। मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि पिता का इलाज ठीक से नहीं करवाया गया। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।

बंदी का नाम मूलचंद अहिरवार (68) था। वह चिरगांव के पहाड़ी गांव के रहने वाले थे। मृतक के बेटे वीरसिंह अहिरवार ने बताया कि करीब 5 साल पहले मेरी मां अजब देवी का मर्डर हो गया था। किसी ने धारदार हथियार से हमला कर उनकी हत्या कर दी थी। पुलिस ने हत्या के आरोप में पिता मूलचंद को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। तब से पिता जेल में ही बंद थे। करीब दो माह पहले उनको जेल में लकवा मार गया था। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ती चली गई। लगातार लेटे रहने की वजह से पीठ में घाव हो गया था। 31 दिसंबर को जेल प्रशासन ने उनको जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। वहां से मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। शुक्रवार सुबह उनकी मौत हो गई।

बेटे वीरसिंह अहिरवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले एक माह में 3 बार पिता को अस्पताल में एडमिट करवाया गया। थोड़ा आराम मिलने पर उनको वापस जेल ले जाते थे। इससे वे पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए। गुरुवार रात को उनको खून की कमी थी। दो यूनिट डॉक्टर ने खून लाने के लिए बोला। लेकिन खून भी उपलब्ध नहीं हो पाया। आज सुबह उनकी मौत हो गई। हालांकि, जेल प्रशासन का कहना है कि मूलचंद के इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हुई है। वे गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे, इसलिए उनकी मौत हो गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया

   

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