मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया-विबोध
- Neha Gupta
- Apr 13, 2025


रजौरी, 13 अप्रैल । पूर्व एमएलसी और भाजपा जम्मू-कश्मीर के महासचिव एडवोकेट विबोध गुप्ता ने राजौरी के बलिदान स्तंभ में 1947 के राजौरी नरसंहार के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और मांग की कि 13 अप्रैल को राजौरी दिवस के सम्मान में राजौरी जिले में आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए।
इस अवसर पर बोलते हुए विबोध गुप्ता ने कहा जम्मू और कश्मीर के भारत में विलय के बाद 7 नवंबर 1947 को आदिवासी आक्रमणकारियों (कबालियों) के भेष में सशस्त्र पाकिस्तानी सैनिकों ने राजौरी पर हमला किया और कब्जा कर लिया। इसके बाद 11 नवंबर, 1947 को दिवाली की पूर्व संध्या पर एक क्रूर हमला हुआ। 3000-3500 महिलाओं सहित लगभग 10,000 नागरिकों ने मातृभूमि के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी।
विबोध ने 13 अप्रैल 1948 के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा राजौरी के साहसी नागरिकों की सहायता से भारतीय सेना की बहादुरी और वीरतापूर्ण प्रयासों के कारण शहर को घुसपैठियों से मुक्त कराया गया था। तब से 13 अप्रैल को राजौरी की मुक्ति के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले लोगों के बलिदान और वीरता को याद करने के लिए राजौरी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विबोध ने दृढ़ता से कहा कि 13 अप्रैल को राजौरी जिले में आधिकारिक अवकाश घोषित करके इस दिन के ऐतिहासिक और भावनात्मक महत्व को सरकार द्वारा स्वीकार किया जाना चाहिए।