गोपेश्वर, 16 नवम्बर (हि.स.)। एनटीपीसी की परियोजना के तहत कार्यरत एचसीसी कम्पनी के श्रमिकों को बगैर नोटिस दिए बगैर पूर्ण वेतन भत्ते के अन्यायपूर्ण तरीके से बर्खास्त किए जाने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने शनिवार को जिलाधिकारी चमोली को एक ज्ञापन देकर श्रमिकों को फिर से बहाल करने की मांग की है।
क्षेत्रीय जन प्रतिनिधि अतुल सती, ग्राम प्रधान बड़ागांव विमला भंडारी, अंजू देवी का कहना है कि एचसीसी कंपनी की ओर से जोशीमठ में आयी 2023 में आयी आपदा के बाद काम रोके जाने के बाद श्रमिकों को बिना नोटिस और वेतन के हटा दिया गया था, जिसके बाद से श्रमिक लगातार अपनी बहाली की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पर कोई सकारात्मक पहल नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एचसीसी कम्पनी में स्थानीय ग्रामीण बेरोजगार भी कार्य करते हैं। हम सभी लोग परियोजना से प्रभावित हैं। हमारी भूमि, जंगल, पानी, चारागाह आदि परियोजना की ओर से अधिग्रहीत किए गए हैं। क्षेत्र के बेरोजगारों को 70 प्रतिशत रोजगार की सरकार की नीति के मुकाबले बहुत ही कम लोगों को रोजगार कम्पनी की ओर से दिया गया है। उसमें भी तमाम तरह का शोषण और उत्पीड़न के बावजूद स्थानीय बेरोजगार कोई विकल्प न होने पर, इस सबके बाद भी यह सब सहन करते हुए कार्य करते हैं।
उन्होंने कहा कि अब कम्पनी ने स्थानीय बेरोजगार के स्थान पर अन्य भर्तियां की जा रही हैं। लगातार स्थानीय प्रभावितों के स्थान पर बाहर से श्रमिकों को लाकर वह कार्य दिया जा रहा है, जिसमें स्थानीय श्रमिक बेहतर करने में सक्षम हैं और पूर्व में करते रहे हैं। लगातार स्थानीय प्रभावितों की उपेक्षा की जा रही है। उनका यह भी कहना था कि परियोजना से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के संदर्भ में किए जाने वाले, क्षेत्रीय विकास खर्च भी कंपनी ने नहीं किए। जबकि पर्यावरण मानकों की लगातार अनदेखी की जा रही है। कंपनी की ओर से किए गए हानिकारक बारूदी मलवा निस्तारण के कारण गांव की कृषि भूमि लगातार बर्बाद हो रही है। नदी कटाव के चलते कंपनी लगातार कृषि भूमि का अतिक्रमण कर रही है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही कंपनी से बाहर किये गये युवाओं की बहाली नहीं की जाती है तो उन्हें आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / जगदीश पोखरियाल