धमतरी में शराब दुकान बंद करने की उठी मांग

धमतरी, 18 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में जब तक कोई पार्टी विपक्ष में होती है ,तो वह शराब बंदी का नारा लगाती है, किंतु जैसे ही सत्ता पर काबिज होती है। यह मुद्दा गौण हो जाता है। नेताओं के सुर बदल जाते हैं। छग प्रदेश में फिर से 67 नई दुकानें खोलने का निर्णय लिया गया है। वहीं एक अप्रैल से शराब को सस्ती करने की भी चर्चा जारी है। इस निर्णय से शराब के शौकीन गदगद हैं, तो वहीं समाज में अपराध का ग्राफ बढ़ा है। नव युवक शिक्षा से दूर नशे के चपेट में आ रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरुप छत्तीसगढ़ में अपराध दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। कुरुद के नागरिकों ने कहा कि, नई शराब दुकान खोलने की बजाय बंद होनी चाहिए।

सर्व आदिवासी समाज जिला धमतरी के अध्यक्ष जीवराखन लाल मराई ने कहा कि, सरकार की मंशा मूल छत्तीसगढ़ियों को नशे में डूबाकर पंगु बनाने की है। व्यवसायी नरेश वरदियानी ने कहा कि, नशा किसी भी व्यक्ति के लिए अच्छा नहीं है। इससे घर परिवार समाज का समूल नाश हो जाता है।

ओबीसी संयोजन समिति छत्तीसगढ़ के संस्थापक व अधिवक्ता शत्रुघन सिंह साहू ने कहा कि, सरकार का काम शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार उपलब्ध कराना है शराब बेचना नहीं। अनाज व्यापारी गिरधर शर्मा ने कहा कि, नशे के कारोबार को बढ़ावा देना बेहद शर्मनाक है। सरकार को तत्काल नशे के कारोबार को बंद करना चाहिए।

समाजसेवी समारू सिन्हा ने कहा कि, रोड दुर्घटना एवं अपराध की अधिकतर घटनाएं नशे में होती है। नशे के कारोबार को बंद करना चाहिए। युवा समाजसेवी तुकेश साहू ने कहा कि, क्या छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को नशा परोस कर शारीरिक और मानसिक रूप से अपाहिज बनाने की सोच रही है। छत्तीसगढ़ को शराब और अपराध का गढ़ नहीं बनाना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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