देहरादून/रुद्रप्रयाग, 24 अक्टूबर (हि.स.)। केदारनाथ की संवेदनशीलता के साथ ही यहां की धार्मिक मर्यादा को ध्यान में रखते हुए केदारसभा ने धाम में अनावश्यक ढोल एवं अन्य वाद्य यंत्रों के साथ ही आतिशबाजी पर रोक लगाने की मांग की है। इस बावत केदारसभा ने बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष को एक ज्ञापन दिया है।
गुरुवार काे बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय को दिए ज्ञापन में केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, महामंत्री अंकित सेमवाल ने कहा कि केदारनाथ धाम में आएदिन यहां की धार्मिक मान्यता को प्रभावित करने के कार्य किए जाते रहे हैं। धाम में अनावश्यक ढोल वादन, वाद्य यंत्रों व ध्वनियों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि दीपावली के मौके पर भी केदारनाथ धाम में दीपक जलाएं, मगर आतिशबाजी से इस पवित्र स्थल में प्रदूषण बढ़ेगा, जो हिमालय के काफी घातक होगा। उन्होंने कहा कि पुराणों में केदारनाथ धाम के महत्व को लेकर कहा गया है कि यह स्थान विशाल हिमखंडों एवं ग्लेशियरों एवं दल-दल भूमि के बीच है। यहां के धार्मिक और वैज्ञानिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए अनावश्यक वाद्य यंत्रों की आवाज एवं दीपावली पर आतिशबाजी पर रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केदारसभा की इस जायज मांग पर बद्री-केदार अपने स्तर से सकारात्मक कार्रवाई करेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार