गिरौद रेत खदान बंद करने की मांग, ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन
- Admin Admin
- Apr 21, 2025

धमतरी, 21 अप्रैल (हि.स.)। रेत खदान बंद करने की मांग को लेकर ग्रामीणों की भीड़ सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंची। ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट में जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। खदान बंद नहीं होने पर ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन को आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
मगरलोड ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत गिरौद के ग्रामीणों की भीड़ सोमवार को रेत खदान बंद करने के विरोध में विभिन्न वाहनों में सवार होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। महिला-पुरुषों की भीड़ गिरौद रेत खदान बंद करो, की नारेबाजी करते हुए ज्ञापन सौंपने कलेक्ट्रेट कार्यालय तक पहुंचे। ग्रामीणों की भीड़ को तैनात नगर सैनिकों ने रोका। इसके बाद जवाबदार कुछ ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम गिरौद रेत खदान बंद करने की मांग की।
सरपंच, उपसरपंच लुकेश साहू, ग्रामीण कमलनारायण साहू, जुगुल साहू, देवकी बाई, भुनेश्वरी, रोशनी, कमला बाई, चमेली बाई, धुरबाई, सहेबीन, दीनदयाल, खेलूराम, डोमन लाल, बुधयारिन बाई आदि ग्रामीणों की भीड़ ने आरोप लगाते हुए बताया कि गांव के रेत खदान में जमकर अवैध उत्खनन किया जा रहा है। भारी गड्ढा बना हुआ है। फिर भी लगातार रेत का अवैध उत्खनन जारी है। जबकि इस मार्ग से होकर गांव के किसान अपने खेतों में खेती-किसानी के लिए जाते हैं। रेत खदान के पास किसानों का 400 एकड़ से अधिक जमीन है, जहां से रेत निकालकर इन दिनों भारी गड्ढा कर दिया गया है।
बारिश होने पर यहां पानी भर जाएगा, ऐसे में किसान अपने खेतों में खेती-किसानी नहीं कर सकेंगे। उनके जीवनयापन के जमीन बंजर हो जाएगा, ऐसे में सैकड़ों परिवार के सामने रोजी-रोटी की समस्या आ जाएगी। यही वजह है कि ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर तत्काल रेत खदान को बंद करने की मांग की है, ताकि वे इस मार्ग से अपने खेतों तक खेती-किसानी करने पहुंच सके। खेत मार्ग भारी गड्ढा होने से यहां किसानों व लोगों के पानी में डूबने की आशंका है। जहां पर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है, वहां मवेशियों के लिए चारागाह है। ऐसे में मवेशियों के जान पर भी खतरा मंडराने लगा है। लगातार यहां से रेत की निकासी हो रही है। जेसीबी व चैनमाउंटेन से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। इसका विपरीत असर गांव के भूजल स्तर पर पड़ रहा है। बड़ी मात्रा में रेत निकालने के कारण गांव के कई बोरपंप बंद हो चुका है। ऐसे में ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से नारेबाजी करते हुए शीघ्र ही रेत खदान को बंद करने की मांग की है। मांगे पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा