झज्जर : प्रदूषण नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाएगा जिला प्रशासन

झज्जर, 11मार्च (हि.स.)। उपायुक्त प्रदीप दहिया ने मंगलवार को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और जिले में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की अवैध औद्योगिक या व्यावसायिक गतिविधि, जो पर्यावरण और नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो, उसके खिलाफ तुरंत एक्शन लिया जाए।

बैठक में एचएसपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी शक्ति सिंह ने उपायुक्त को प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े विभिन्न एजेंडा बिंदुओं से अवगत कराया। डीसी ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण एक सामूहिक प्रयास है और इसके लिए सभी संबंधित विभागों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने बिजली निगम, नगर परिषद, पंचायती राज, जनस्वास्थ्य, परिवहन विभाग सहित अन्य एजेंसियों को निर्देश दिए कि प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की नियमित निगरानी की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बेहद गंभीर है। मीटिंग में डीसीपी लोगेश कुमार पी, एडीसी सलोनी शर्मा, एसडीएम बादली सतीश यादव, एसडीएम झज्जर रविंद्र यादव, डीडीपीओ निशा तंवर, एसई सिंचाई विभाग सतीश जनावा , एक्सईएन यूएचबीवीएन प्रदीप कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

डीसी प्रदीप दहिया ने परनाला गांव में अवैध रूप से प्लास्टिक जलाने की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए एचएसपीसीबी व अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस विषय में तुरंत कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जिले में कहीं भी अवैध रूप से प्लास्टिक या अन्य हानिकारक पदार्थ जलाने की घटनाएं सामने नहीं आनी चाहिए जो नागरिकों की स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल है। बिजली निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नए बिजली कनेक्शन जारी करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी अवैध औद्योगिक गतिविधियों के लिए बिजली का उपयोग तो नहीं हो रहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि अवैध औद्योगिक गतिविधियों के संचालन में बिजली का उपयोग पाया जाता है, तो बिजली कनेक्शन तुरंत काट दिया जाए और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

डीसी ने बैठक में मौजूद एचएसआईडीसी, एचएसपीसीबी, यूएचबीवीएन, आरटीए, एचएसवीपी और पंचायती राज विभाग आदि विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए समन्वित प्रयास किए जाएं। उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि जिले में उन क्षेत्रों की पहचान करें जहां सीवरेज सिस्टम नहीं है और आबादी अधिक है, ताकि इन इलाकों में जल और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

उपायुक्त ने कहा कि आधुनिक समय में विकास के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदूषण नियंत्रण संबंधी नियमों को जिले में सख्ती से लागू किया जाए और प्रदूषण फैलाने वाले कारकों पर तुरंत एक्शन लिया जाए।

हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

   

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