आफरी : मरुप्रसार रोक से निपटने की रणनीतियों पर प्रशिक्षण : तीन दिन चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम

जोधपुर, 17 दिसम्बर (हि.स.)। शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) में सेंटर ऑफ़ एक्स्सिलेंस, सस्टेनेबल लैंड मैनेजमेंट आफरी देहरादून द्वारा वित् पोषित क्षरित भूमि के पुनर्वन्यीकरण एवं मरुस्थलीकरण से निपटने की रणनीतियां विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण आज नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर इंप्लीमेंटेशन रिसर्च ऑन नॉन-कम्युनिकेबल डिजिजेस के निदेशक डॉ पंकज भारद्वाज के मुख्य आतिथ्य में आरम्भ हुआ।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्थान एवं गुजरात के वन विभाग के अधिकारी, राष्ट्रीय असंचारी रोग कार्यान्वयन अनुसन्धान संस्थान जोधपुर, विभिन्न विश्वविद्यालयों, उद्यानिकी विभाग, स्वयं सेवी समूह के कुल 21 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है।

मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में संस्थान को इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम को आयोजित करने की बधाई दी और कहा कि उक्त प्रशिक्षण मानव स्वास्थ्य के साथ साथ हमारी जैव विविधता के संरक्षण एवं सतत विकास के उद्देश्यों को पूर्ति में सहायक होगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के अध्यक्ष आफरी निदेशक डॉ. आशुतोष कुमार त्रिपाठी ने अपने स्वागत उद्बोधन में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की उपयोगिता स्पष्ट करते हुए कहा कि भूमि सुधार, पुनर्वास एवं संरक्षण और टिकाऊ भूमि और जल संसाधनों का प्रबंधन करने जैसी दीर्घकालिक एकीकृत रणनीतियों की आवश्यकता है जो सम्मिलित प्रयासों से ही संभव है। पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. तरुण कान्त ने मरुस्थलीकरण के समस्या के आकड़ों को प्रस्तुत करते हुए एवं आफरी द्वारा तैयार किए गए मॉडल एवं तकनीक पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र में पाठ्यक्रम सामग्री एवं दो तकनीकी बुलेटिन का विमोचन किया गया।

प्रशिक्षण के प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ. संगीता सिंह, हर्षवर्धन सिंह राठौड़, डॉ. राकेश पालीवाल एवं डॉ. आर. के. गोयल ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के अंत में डॉ. संगीता सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन मीता सिंह तोमर ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

   

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