नरोत्तमानन्द गिरि महाराज की 29वीं पुण्यतिथि पर भक्तों ने किया नमन
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- Aug 14, 2025
-वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रूद्राभिषेक, गुरू गद्दी पूजन एवं प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन
प्रयागराज, 14 अगस्त (हि.स.)। झूंसी स्थित श्री परमानन्द आश्रम के महन्त परमवीतराग संतशिरोमणि श्री 108 स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि महाराज की 29वीं पुण्यतिथि पर पूरे विधि विधान व वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रूद्राभिषेक, गुरू गद्दी पूजन एवं प्रसाद वितरण आयोजित किया गया। इस अवसर पर काशी, प्रयाग सहित विभिन्न प्रदेशों से पधारे संतगणों, विद्वानों एवं भक्तों ने स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि महाराज का स्मरण कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
आश्रम के उपाध्यक्ष शरद पुरी ने ब्रह्मलीन स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि के जीवनवृत्त एवं उनके द्वारा वेद, संस्कृत, भारतीय संस्कृति एवं सनातन परम्परा की रक्षा तथा संवर्धन के लिए किये गये कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि महाराज सही मायनों में सच्चे संत थे। उनके दर्शन मात्र से, उपदेशों के अनुश्रवण से सभी के दुर्गुण और दुर्भावनाएं दूर हो जाती थीं तथा मन मस्तिष्क को शान्ति मिलती थी। लोग स्वामीजी के श्रीचरणों का सानिध्य पाकर अपनी शंकाओं का समाधान करते थे। वे बेहद सादगी व सरलता के साथ अपने पास आने वाले लोगों से बात करते थे। बहुधा लोग समझ ही नहीं पाते थे। यह संत दिव्य, भव्य, चमत्कारिक व नेतृत्व करने वाले हैं। उनका वात्सल्य सदा आश्रम आने वाले सभी भक्तों को समान रूप से मिलता रहा। उनका पूरा जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। वे हमेशा अध्ययन-अध्यापन पर जोर देते थे। उनकी प्रेरणा से ही आश्रम परिसर में वेद विद्यालय की स्थापना हुई जो आज सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है।
इस अवसर पर मोहन ब्रह्मचारी, ब्रजमोहन पाण्डेय, महेन्द्र पुरोहित, रामअवतार, सुशील आचार्य, अविनाश ओझा, अंजनी सिंह, अजय मिश्र, रजनीकांत पाण्डेय सहित श्री गंगेश्वर संस्कृत उत्तर माध्यमिक विद्यालय एवं स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि वेद विद्यालय के प्राचार्य, वेदाध्यापकगण, वैदिक छात्र, स्थानीय लोग मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र



