हिसार : किताबी ज्ञान के साथ अनुभव भी जरूरी : गंगेनंदन महाराज

गीता भवन में प्रवचन के दाैरान उपस्थित श्रद्धालु।

गीता भवन में ब्रह्म ज्ञान सत्संग का आयोजन

हिसार, 10 मार्च (हि.स.)। आध्यात्मिक गीता ज्ञान प्रचारिणी सभा एवं समस्त हरि शरणम् परिवार के तत्वाधान में साेमवार काे रामपुरा मोहल्ला स्थित गीता भवन मंदिर में ब्रह्म ज्ञान सत्संग का आयोजन किया गया। कथा व्यास हिमालय तपस्वी परमहंस गंगेनंदन महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रवचन दिए।परमहंस गगनदेन महाराज ने सोमवार को कहा कि आज विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है, लेकिन मनुष्य की चेतना नीचे ही चली जा रही है। मनुष्य के पास शांति नहीं है। पति-पत्नी में रोजाना अनेक बातों को लेकर झगड़े हो रहे हैं, परिवारों में खटास पैदा हो रही है लेकिन कोई अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। कोई भी मनुष्य दुखी नहीं होना चाहता किंतु अशांति मनुष्य का पीछा नहीं छोड़ रही। उन्होंने कहा कि हम सभी के पास किताबी ज्ञान है, शास्त्रों का हमने केवल रटा मार लिया है लेकिन अपने जीवन में धारण नहीं किया। आज के दौर में गुरु किताबी ज्ञान तो दे रहे हैं किंतु अपना अनुभव किसी को नहीं दे रहे। ऐसे में यह समझना चाहिए कि अनुभव ही ज्ञान है। धर्म के प्रति अगर निष्ठा न हो तो मनुष्य धार्मिक नहीं होता। धरती पर जिसने विवेक पाया वही पूजनीय हुए हैं। गीता का प्रयास है कि मनुष्य की अज्ञानता मिटाई जाए। किसी भी मनुष्य को ज्ञान, सत्य के संग यानि सत्संग से ही होगा। पहले दिन के सत्संग में सत्यनारायण शर्मा, रघुबीर सिंह लांबा, ऊषा बक्शी, सविता, महाबीर शर्मा, बलवंत सिंह यादव, डॉ. विशाल शर्मा, शोभा रानी, रविप्रकाश कौशिक, कृष्ण कुमार, श्रीकृष्ण शर्मा सुशीला, वंदना सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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