दुमका, 19 नवंबर (हि.स.)। विधानसभा चुनाव के लिए जहां मतदान की सारी तैयारियां हो चुकी हैं और 20 नवंबर को मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, वहीं दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड क्षेत्र के कई गांव में फैल रहे डायरिया के प्रकोप ने सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग की दावों की पोल खोल कर रख दी है।
शिकारीपाड़ा के सोनाढाब, मलूटी, चित्रागड़िया, सरसडंगाल और शहरपुर आदि पंचायत के कई गांवों में लोग डायरिया से पीड़ित होकर मौत हो रही हैं।
जानकारी के अनुसार सोनाढाब में तीन, चित्रागढ़िया में दो एवं सरसडंगाल में भी तीन मरीजों की मौत हो चुकी है जबकि अभी वर्तमान समय में सरसडंगाल गांव में लगभग हर घर में कोई न कोई डायरिया से आक्रांत है। सोमवार की देर रात्रि तीन वर्षीय मार्शल हांसदा की मौत फुलो-झानों मेडिकल कॉलेज अस्पताल में होने की सूचना है। नांगलभंगा गांव के 30 वर्षीय पारता सोरेन की मृत्यु भी डायरिया से निजी चिकित्सक को दिखाने के क्रम में हो चुकी है। सरसडंगाल गांव में डायरिया की गंभीर स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कैंप लगाया है, जिसमें मंगलवार को दोपहर तक 7 से अधिक मरीजों का जमीन पर लिटा कर इलाज चल रहा था।
इस संबंध में प्रभारी स्वास्थ्य सीएससी, शिकारीपाड़ा देवानंद मिश्रा ने बताया कि हम लोग लगातार डायरिया से पीड़ित मरीजों का इलाज कैंप मोड एवं शिकारीपाड़ा में चल रहा है। गंभीर स्थिति वाले मरीजों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया है। जिला टीम गांव की एवं पेयजल की जांच कर बीमारी के कारणों का पता लगाने का प्रयास करेगी।
गौरतलब है कि प्रत्येक गांव में सहिया एवं जल सहिया का पद सृजित है और सरकार के द्वारा उन्हें मानदेय एवं अन्य सुविधाएं भी प्राप्त हो रही हैं लेकिन गांवों में डायरिया का इस तरह प्रकोप होना यह दर्शाता है कि कहीं ना कहीं सिस्टम में कमी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार