यूआईटी की बैठक में लंबित पत्रावलियों व कार्यों को लेकर नाराज हुए जिला कलक्टर, शीघ्र पूरा करने के निर्देश

चित्तौड़गढ़, 3 अगस्त (हि.स.)। चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर और यूआईटी चेयरमैन आलोक रंजन शनिवार को यूआईटी पहुंचे। यहां उन्होंने यूआईटी के अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक ली। इसमें उन्होंने यूआईटी के अधूरे लंबित पड़े कार्यों को शीघ्र पूरा करने और लंबित पत्रावलियों का शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए। कार्यों की गति भी बढ़ाने को कहा है, इससे कि समय सीमा में कार्य हो सके।

जानकारी में सामने आया कि करीब छह वर्ष से यूआईटी चित्तौड़गढ़ में चेयरमैन की राजनीतिक नियुक्ति नहीं हुई है। ऐसे में चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर ही यहां चेयरमैन है। वर्तमान जिला कलक्टर आलोक रंजन शनिवार को यूआईटी पहुंचे। यहां उन्होंने यूआईटी सचिव सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक में यूआईटी के काम काज को लेकर चर्चा की। इसमें कई कार्य और पत्रावलियां लंबित होने की बात सामने आई। बैठक के बाद जिला कलक्टर ने बताया कि बैठक के दौरान अधिकारियों से यूआईटी के विगत लंबे समय से सिविल के काम, पट्टों के कार्य के साथ रूपांतरण के कार्य सहित अन्य मुद्दों पर से चर्चा की गई है। यूआईटी में कई कार्य अधूरे है उन्हें तत्परता से निपटाने के लिए भी निर्देशित किया गया है। जानकारी में यह भी सामने आया कि कई पत्रावलीयां लंबे समय से लंबित चल रही हैं। इसमें आवेदनकर्ता से विभाग की ओर से संवाद नहीं किया गया। उन्हें बुला कर निस्तारण करने के लिए कहा गया है। वहीं उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान यूआईटी में कर्मचारियों की कमी की बात भी सामने आई है। इसमें अधिकारियों से सूची बना कर देने के लिए कहा है। जिला कलक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपनी कार्यशैली को बदलें, जिससे कि आमजन का कार्य समय पर संपादित हो सके। डीएम ने बताया कि शुक्रवार को नगर के दौरे के समय नगर परिषद की आयुक्त और अन्य अधिकारियों को भी शहर के अंदर बने हुए बड़े कंपलेक्स और बेसमेंट के बारे में जानकारी लेने के लिए कहा है, इससे की तेज बरसात के दौर में जल भराव ना हो और कोई जनहानि भी ना हो। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी नगरीय नियमों के विरुद्ध निर्माण हो तो उसे पर तत्परता से कार्रवाई की जाए।

जरूरत पड़ी तो पुलिस जाब्ते में करवाए पुलिया निर्माण

जिला कलक्टर ने बताया कि हज़ारेश्वर महादेव पुलिया एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इसके निर्माण में एक भूमि देवस्थान की भी है इसके लिए वहां के स्थानीय निवासियों के सहयोग से इस मामले का समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है। नगर परिषद और यूआईटी के अधिकारियों को भी स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि पुलिया के अधूरे कार्य को शीघ्र पूरा करवाया जाए, उन्होंने बताया कि आगामी 15- 20 दिनों में पुलिया का कार्य फिर से प्रारंभ होगा और शीघ्र ही हजारेश्वर महादेव की पुलिया बन कर तैयार होगी। आवश्यकता पड़े तो पुलिस जाब्ता लगा कर भी निर्माण करवाने को कहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / अखिल / संदीप

   

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