विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने दी कड़ी चेतावनी

-बीस सूत्री कार्यक्रम के सभी 42 मदों में ए श्रेणी लाने को कहा

-जिला योजना की धनराशि दिसम्बर माह तक व्यय करने की भी दी सलाह

नैनीताल, 15 नवंबर (हि.स.)। जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने शनिवार को भीमताल स्थित विकास भवन सभागार में जनपद में संचालित विकास कार्यों की समीक्षा की और विभिन्न विभागों को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्राप्त धनराशि के उपयोग, भौतिक प्रगति तथा बीस सूत्री कार्यक्रम की स्थिति पर स्पष्ट निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि शासकीय कार्यों में देरी और लापरवाही किसी भी दशा में स्वीकार नहीं की जाएगी। जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीस सूत्री कार्यक्रम के 42 मदों में जिले को 22 मदों में ए श्रेणी, 10 में बी, 5 में सी और 5 में डी श्रेणी प्राप्त हुई है। डी श्रेणी की स्थिति पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि सभी मदों को जल्द से जल्द ए श्रेणी में लाने हेतु ठोस प्रयास करें।

ग्रामीण संपर्क मार्गों से जुड़ी डी श्रेणी की स्थिति पर उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की धीमी प्रगति को गंभीर लापरवाही बताते हुए तीनों खंडों के अधिकारियों को चेतावनी दी और दिसम्बर तक इसे ए श्रेणी में लाने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने पीएमजीएसवाई की योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्रों की “गेम चेंजर” बताते हुए कहा कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता, समयबद्धता और पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि लापरवाही के लिए संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध वरिष्ठ अधिकारियों को प्रतिवेदन भेजा जाए तथा अगली समीक्षा बैठक में स्पष्ट प्रगति दिखाई देनी चाहिए।

उन्होंने विभागों को निर्देश दिया कि जिला योजना की धनराशि दिसम्बर माह तक पूर्णतः व्यय कर लें और मार्च तक धनराशि खपत की परंपरा समाप्त करें। उन्होंने कहा कि सभी विकास कार्य गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से पूर्ण हों और अधिकारी स्वयं स्थलीय निरीक्षण करें। बैठक में एपीडी चंदा फर्त्याल, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी मुकेश नेगी, मुख्य कोषाधिकारी कमलेश भंडारी सहित सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

जिला योजना में अब तक मात्र 55 फीसद खर्च

नैनीताल। जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में जिला योजना की 7020.50 लाख रुपये की प्राप्ति के सापेक्ष 3871.04 लाख रुपये अर्थात 55 प्रतिशत राशि व्यय की जा चुकी है। राज्य योजना में 64 प्रतिशत, केंद्र पोषित योजनाओं में 93 प्रतिशत और बाह्य सहायतित योजनाओं में शत-प्रतिशत धनराशि व्यय हो चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

   

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