
जयपुर, 21 अप्रैल (हि.स.)। प्रदेश में गर्मी की शुरूआत हो चुकी है। गर्मी के शुरूआती दौर में ही जयपुर का विद्युत तंत्र हांफने लगा है। जयपुर जिले में रोजाना करीब छह दर्जन से अधिक ट्रांसफार्मरों का धुंआ निकल रहा है। तेज गर्मी के बीच लगातार बिजली की डिमांड बढ़ने लगी है। जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों की कथित लापरवाही के चलते आने वाले दिनों में इन मामलों में और बढ़ोतरी होगी। भीषण गर्मी के बीच नाकाम हो रहा विद्युत आमजन के पसीने छुडा रहा है। गर्मी से पहले विद्युत तंत्र को अपग्रेड करने के बिजली विभाग के दावे की सच्चाई अब सामने आने लग गई है। सांगानेर क्षेत्र में ही रोजाना करीब एक दर्जन ट्रांसफार्मर ओवरलोड़ होकर खराब या जल जाते है। जब गर्मी के शुरूआती दौर में ही बिजली तंत्र गड़बड़ाने लगा है तो मई-जून में तो हालात और भी भयावह हो जाएंगे। ऐसे में सरकार को समय रहते खस्ताहाल तंत्र को सुधारने की जरुरत है या आमजन को इस परेशानी से दो-चार होने के लिए सज रहने की आवश्यकता है।
-रोजाना कई घंटों तक बिजली गुल
जयपुर शहर के आस-पास के इलाकों में गर्मी की शुरूआत में ही बिजली की अघोषित कटौती शुरू हो गई है। जयपुर शहर के आस-पास के इलाकों में रोजाना दो से पांच घंटे तक बिजली की कटौती की जा रही है। यह कटौती टुकडों में हो रही है। इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारी भी ठीक प्रकार से जबाव नहीं दे पा रहे है। इससे आमजन खासे परेशान है। अघोषित बिजली कटौती को लेकर आमजन नाकाम सरकार और बिजली प्रशासन को जमकर कोस रही है।
ओवरलोड़ जयपुर के आस-पास के ग्रामीण इलाकों का बिजली तंत्र, तेल चोरी की वजह से जल रहे ट्रांसफार्मर
जयपुर शहर के आस-पास के बस्सी, जमवारामगढ़, सांगानेर, चाकसू, कोटखावदा, फागी,आमेर, भांकरोटा, बगरू, बिंदायका, झोटवाड़ा, कालाडेरा, मानसरोवर विस्तार सहित अन्य ग्रामीण इलाकों शामिल है। जहां पर बिजली तंत्र ओवरलोड़ की मार झेल रहा है। ओवरलोड़ और गर्मी में बढ़ती बिजली की डिमांड के चलते ट्रांसफार्मर और बिजली तंत्र तोड़ने लगे है। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में चोर सर्दी में थ्री फेज के ट्रांसफार्मरों से तेल चोरी चुरा लेते है। ऐसे में तेज गर्मी के बीच ट्रांसफार्मर बिजली के लोड के चलते गर्म होकर जल जाते है।
प्रशासन के दावे के निकली हवा
प्रशासन ने दावा किया था कि पिछली गर्मियों में जयपुर में 26 प्रतिशत तक बढ़ी है। बिजली की मांग ने सिस्टम को बुरी तरह हिला दिया था। कई इलाकों में लगातार ट्रिपिंग, ट्रांसफार्मर फेल होने और लंबे शटडाउन से उपभोक्ताओं को परेशानी हुई थी। इस बार डिस्कॉम ने चारदीवारी से लेकर शहर के बाहरी इलाकों तक ग्रिड्स, फीडर्स और ट्रांसफार्मरों को अपग्रेड कर लिया है।
इस बार डिमांड के अनुमान को देखते हुए लोड की माइक्रो प्लानिंग की गई है। शहर में 626 नए ट्रांसफॉर्मर इंस्टॉल किए गए हैं। 185 नए 11 केवी फीडर बनाए गए हैं। पुराने, ज्यादा लोड वाले फीडरों को छोटे हिस्सों में बांट दिया गया है, ताकि ट्रिपिंग कम से कम हो। इस साल 1 अप्रेल तक जयपुर शहर में सांगानेर से आमेर तक 54 हजार नए बिजली कनेक्शन दिए जा चुके हैं। सांगानेर, मानसरोवर एक्सटेंशन, भांकरोटा, आमेर, बिंदायका, झोटवाड़ा जैसे एरिया में डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है। इन्हीं इलाकों में सबसे ज्यादा ट्रांसफॉर्मर अपग्रेड और नए फीडर बनाए गए हैं। शहर में 33 केवी के कुल 146 सबस्टेशन हैं। इनमें 29 पावर ट्रांसफॉर्मर जोड़े गए हैं। इससे इनकी कुल क्षमता अब 2430 एमवीए हो चुकी है। हर सबस्टेशन पर जरूरत के मुताबिक पावर ट्रांसफॉर्मर इंस्टॉल किए गए हैं, ताकि डिमांड बढ़ने पर ट्रिपिंग या फॉल्ट न हो। इस बार 11 केवी ट्रांसफॉर्मर सब स्टेशनों पर आइसोलेटर लगाए गए हैं। ताकि अगर किसी ट्रांसफॉर्मर में फॉल्ट हो तो पूरा फीडर बंद न करना पड़े। इससे ज्यादा से ज्यादा इलाकों की सप्लाई चालू रखी जा सकेगी। जयपुर में तीन केबल फॉल्ट लोकेटिंग मशीनें 24 घंटे तैनात रखी गई हैं, ताकि किसी भी लोकेशन पर तुरंत फॉल्ट की पिन पॉइंट पहचान हो सके। ट्रॉली माउंटेड ट्रांसफॉर्मर भी स्टैंडबाय रखे गए हैं। ताकि किसी इलाके में ट्रांसफॉर्मर फेल होते ही सप्लाई जल्दी से बहाल की जा सके। प्रसारण निगम की ओर से शहर के 132 केवी जीएसएस पर भी नए ट्रांसफॉर्मर इंस्टॉल किए गए। 15 अप्रेल तक इनकी भार क्षमता में बढ़ोतरी का काम भी पूरा हो गया।
सांगानेर एक्सईएन विकास बंसल का कहना है कि गर्मी पड़ने के साथ ही ट्रांसफार्मर जलने की शिकायते आने लगी है, लेकिन फिलहाल इनका रेशो कम है। अभी जब गर्मी और बढ़ेगी तो इन मामलों में बढ़ोतरी होने लगती है। बिजली कटौती जैसे आदेश नहीं है। लेकिन हो सकता है कि कुछ इलाकों बिजली खराब होने के मामले में ज्यादा होने से वहां से लाइट की कटौती अधिक समय तक हो सकती है।
जेईएन, गोनेर सौरभ मीणा ने बताया कि तेज गर्मी के चलते रोजाना बड़ी संख्या में ट्रांसफार्मर खराब या जल रहे है। ऐसे में ट्रांसफार्मर बदलने के लिए बिजली कटौती करनी पड़ रही है। मेरे फीडर के कुछ इलाकों की लम्बाई भी ज्यादा है ऐसे में उनमें ज्यादा समस्या आ रही है। हालांकि फीडर की लाइन को छोटी करने का काम करना था लेकिन वह नहीं हो पाया है। इस कारण बार-बार बिजली खराब होने से आमजन को परेशान होना पड़ रहा है। बिजली कटौती जैसे कोई आदेश नहीं है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश