डॉ. बी.आर. अंबेडकर को बताया महिला सशक्तिकरण का प्रतीक

जम्मू, 23 जनवरी (हि.स.)। डॉ. बी.आर. अंबेडकर की लैंगिक समानता और न्याय के प्रति अटूट प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती रही है और महिला सशक्तिकरण के लिए भारत के सामाजिक-राजनीतिक ढांचे की आधारशिला बनी हुई है। इस विरासत पर प्रकाश डालते हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व उपाध्यक्ष बलबीर राम रतन ने गुरुवार को भाजपा महिला नेताओं के एक समूह को संबोधित किया।

भाजपा सचिव और महिला मोर्चा सहप्रभारी वीनू खन्ना, राज्य कार्यकारी सदस्य शैलजा गुप्ता, सुषमा रानी, ​​पूजा ग्रोवर और सोनिका राव के साथ चर्चा के दौरान रतन ने महिलाओं के उत्थान के लिए डॉ. अंबेडकर के प्रगतिशील दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अंबेडकर का दृढ़ विश्वास था कि कोई भी समाज अपनी महिलाओं को सशक्त किए बिना सच्ची प्रगति हासिल नहीं कर सकता। भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में डॉ. अंबेडकर ने महिलाओं के लिए समान अधिकारों की वकालत की, भेदभाव से बचाव के लिए प्रावधान किए और शिक्षा, संपत्ति के स्वामित्व और शोषण से सुरक्षा के अवसर सुनिश्चित किए। इन क्रांतिकारी सुधारों ने लैंगिक असमानताओं को दूर करने और महिलाओं की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की नींव रखी।

रतन ने डॉ. अंबेडकर की शिक्षा, आर्थिक स्वायत्तता और समान प्रतिनिधित्व को महिला सशक्तिकरण के लिए आवश्यक उपकरण के रूप में मानने की मान्यता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा उनकी दृष्टि लैंगिक समानता की वकालत करने वाले आधुनिक आंदोलनों को प्रेरित करती रहती है। उन्होंने कहा कि भारत को एक समावेशी समाज को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए जहाँ महिलाएँ अपनी पूरी क्षमता का एहसास कर सकें।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

सम्बंधित खबर