मानव शरीर के दवारोधी होना वैश्विक समस्या: डॉ. एंड्रियास बेक्टहोल्ड

नैनीताल, 24 सितंबर (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय की ओर से मंगलवार को जर्मनी के यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रीबर्ग के डॉ. एंड्रियास बेक्टहोल्ड का ऑनलाइन माध्यम से व्याख्यान आयोजित किया गया। इस दौरान.एंड्रियास ने अपने शोध और अनुभवों के आधार पर कहा कि ‘ड्रग रेजिस्टेंस’ यानी मानव शरीर के दवाईरोधी होना यानी दवाइयों का असर न होना एक वैश्विक समस्या बन चुकी है।

डॉ.एंड्रियास ने ‘इंट्रोडक्शन इंटू द रिसर्च ऑफ एंड्रियास बेक्टहोल्ड इन फ्रीबर्ग’ विषय पर ऑनलाइन व्याख्यान देते बताया कि बेहतर एंटीबायोटिक यानी रोग प्रतिरोधक दवाइयों के विकास के लिए शोध की अत्यधिक आवश्यकता है।

उन्होंने बताया कि हिमालय की जैव विविधता में एंटीबायोटिक, एंटीफंगल और एंटी वायरल गुण मौजूद हैं, जिन्हें जेनेटिक इंजीनियरिंग के माध्यम से विकसित किया जा सकता है, जो पोटेंट ड्रग मॉलिक्यूल बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। व्याख्यान के दौरान डॉ.एंड्रियास ने विद्यार्थियों के प्रश्नों के भी उत्तर दिये। संचालन निदेशक प्रो. ललित तिवारी ने किया।

कार्यक्रम में कुलपति प्रो. डीएस रावत, पंकज पाठक, दीक्षा बोरा, प्रो. हरीश बिष्ट, प्रो. तपन नैलवाल, प्रो. वीना पांडे, प्रो. अर्चना साह, प्रो. गीता तिवारी, डॉ. ऋषेंद्र कुमार, डॉ.संतोष उपाध्याय, डॉ.पैनी जोशी, पूजा गुप्ता व जूनैब सहित बड़ी संख्या में बायोटेक तथा जंतु विज्ञान के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

   

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